PPF SSY Interest Rates: अगर आप भी अपने जीवन में पैसे की बचत करते हैं या बचत करने की योजना बना रहे तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी हैं. केंद्र की मोदी सरकार जल्दी ही सुकन्या समृद्धि और पीपीएफ समेत छोटी बचत योजनाओं में पैसे जमा करने वाले लोगों को बड़ा लाभ ब्याज के रूप में देने जा रही हैं. सुकन्या समृद्धि और पीपीएफ समेत पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं पर आपको अगले माह से अधिक ब्याज मिल सकता है. अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी किए जाने के बाद सरकार छोटी बचत पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है.
अगर आप भी अपने जीवन में पैसे की बचत करते हैं या बचत करने की योजना बना रहे तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी हैं. केंद्र की मोदी सरकार जल्दी ही सुकन्या समृद्धि और पीपीएफ समेत छोटी बचत योजनाओं में पैसे जमा करने वाले लोगों को बड़ा लाभ ब्याज के रूप में देने जा रही हैं. सुकन्या समृद्धि और पीपीएफ समेत पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं पर आपको अगले माह से अधिक ब्याज मिल सकता है. अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी किए जाने के बाद सरकार छोटी बचत पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है.
लंबे समय से नहीं बढ़ी है ब्याज दरें: PPF SSY Interest Rates
केंद्र सरकार हर तीन महीने पर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है. पिछले 2 साल से छोटी बचत पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. मार्च में हुई समीक्षा में भी दरें अपरिवर्तित रखी गई थीं.
पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं पर वर्तमान ब्याज दरें: PPF SSY Interest Rates
यहां हम पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं पर वर्तमान ब्याज दरें के बारे में बता रहे हैं, जो इस साल 1 अप्रैल से लागू हुई हैं और इस महीने के अंत तक यानी 30 जून तक वैध रहेंगी.
- i. पब्लिक प्रोविडेंट फंड: 7.1 फीसदी
- ii. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट: 6.8 फीसदी
- iii. सुकन्या समृद्धि योजना: 7.6 फीसदी
- iv. किसान विकास पत्र: 6.9 फीसदी
- v. सेविंग डिपॉजिट: 4 फीसदी
- vi. 1 साल की टाइम डिपॉजिट: 5.5 फीसदी
- vii. 2 साल की टाइम डिपॉजिट: 5.5 फीसदी
- viii. 3 साल की टाइम डिपॉजिट: 5.5 फीसदी
- ix. 5 साल की टाइम डिपॉजिट: 6.7 फीसदी
- x. 5 साल की आरडी: 5.8 फीसदी
- xi. 5 साल की वरिष्ठ नागरिक सेविंग्स स्कीम: 7.4 फीसदी
- xii. 5 साल मंथली इनकम अकाउंट: 6.6 फीसदी
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद क्यों: PPF SSY Interest Rates
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति समिति की दो बैठकों में अपनी रेपो दरों में 90 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. हालांकि इसका मतलब है कि उधारकर्ताओं को कई लोन टेन्योर पर अधिक ब्याज देना होगा. इसका यह भी अर्थ है कि निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है. रेपो रेट बढ़ने के कारण कई नेशनलाइज्ड और प्राइवेट बैंक अपनी एफडी और आरडी दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. यही कारण है कि सरकार अगले महीने से पीपीएफ, एमआईएस और एसएसवाई जैसी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बारे में फैसला ले सकती है.