PM Kisan Yojana Fake Beneficiary : पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत जांच और सत्यापन में अब तक लाखों लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं. इन्हें दी गई धनराशि की वसूली कराई जाएगी। प्रदेश में अब तक 2.55 करोड़ किसानों ने इस योजना का लाभ लिया है. इनमें से 6.18 लाख किसान ऐसे हैं जिनके डेटाबेस में आधार संख्या और आधार कार्ड में दर्ज नाम में भिन्नता पाई गई है. ऐसे लोगों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 11वीं किस्त नहीं मिल पाएगी.
PM Kisan Yojana : पीएम किसान योजना के तहत किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि प्रदान की जाती है। इसके तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए केंद्र सरकार की ओर से सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। इस योजना की राशि को हर चार माह के अंतराल में 2-2 हजार रुपए की तीन समान किस्तों में किसानों के खाते में भेजा जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लघु व सीमांत किसानों को कृषि कार्य के लिए आर्थिक मदद पहुंचाना है। लेकिन इस योजना में कुछ अपात्र लोग भी शामिल हो गए और उन्होंने गलत तरीके से पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा उठाया। ऐसे लोगों पर केंद्र सरकार ने सख्त रूख अपनाते हुए उनसे वसूली कार्रवाई शुरू कर दी है और उन्हें इस योजना से बाहर कर दिया है।
किसानों को नोटिस जारी, तय समय सीमा पर लौटाएं राशि :
बिहार में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो इस योजना के पात्र न होते हुए भी इसका लाभ उठा रहे थे। पैसे वापसी को लेकर बिहार में भी योजना से जुड़े अपात्र किसानों से वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके लिए ऐसे किसानों को सरकार की ओर से नोटिस जारी किया गया है कि वे तय समय सीमा के भीतर पीएम किसान सम्मान निधि की राशि लौटाएं। ऐसा नहीं करने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसमें उन्हें सजा और जुर्माना दोनों भुगतना पड़ सकता है। अब यहां अपात्र किसानों की छंटनी का काम शुरू कर दिया गया है। इनमें से कुछ किसान तो ऐसे निकले हैं जो इनकम टैक्स दे रहे है।
इन किसानों की अटक सकती है पीएम सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi ) की 11वीं किस्त :
बता दें कि यूपी में पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi ) के तहत जांच और सत्यापन में अब तक तीन लाख 15 हजार 10 लाभार्थी अपात्र ( PM Kisan Yojana Fake Beneficiary ) पाए गए हैं। इन्हें दी गई धनराशि की वसूली कराई जाएगी। प्रदेश में अब तक 2.55 करोड़ किसानों ने इस योजना का लाभ लिया है। इनमें से 6.18 लाख किसान ऐसे हैं जिनके डेटाबेस में आधार संख्या और आधार कार्ड में दर्ज नाम में भिन्नता पाई गई है। ऐसे लोगों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 11वीं किस्त नहीं मिल पाएगी। मुख्य सचिव के अनुसार कुुछ के डेटाबेस में सुधार किया जा चुका है।
अपात्र किसान ( PM Kisan Yojana Fake Beneficiary ) ऑनलाइन लौटा सकते हैं सम्मान निधि का पैसा :
पीएम किसान सम्मान निधि की वेबसाइट एक नया लिंक ऑनलाइन रिफंड के जरिये अपात्र किसान सरकार को पैसा वापिस कर कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है :
- सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑफिशियल वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं।
- यहां फार्मर कार्नर पर आपको ऑनलाइन रिफंड का लिंक मिलेगा।
- अब आपको इस लिंक पर क्लिक करना है।
- इस लिंक को क्लिक करने पर एक पेज खुल जाएगा। इसमें राज्य सरकार की माध्यम से पैसा लौटाने वाले और अभी तक पैसा नहीं लौटाने वालों के लिए विकल्प हैं।
- यदि आपने पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा वापस कर दिया है तो पहले आप्शन को चेक कर सबमिट बटन पर क्लिक करें अन्यथा दूसरे ऑप्शन का चेक कर सबमिट करें।
- इसके बाद आधार नंबर, मोबाइल नंबर या बैंक खाता नंबर डालें। इमेज टेक्स्ट टाइप करें और गेट डेटा पर क्लिक करें।
- अगर आप पात्र हैं तो You are not eligible for any refund Amount यह मैसेज आएगा अन्यथा रिफ्ड अमाउंट शो करेगा।
इन किसानों को लौटाना होगा पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi ) का पैसा :
यदि आपके घर में एक ही जमीन पर एक से अधिक परिवार के सदस्य पीएम किसान के तहत किस्त ले रहे हैं तो किस्त पैसा वापस करना होगा। केवल परिवार का एक ही सदस्य किस्त पाने का अधिकारी होगा जिसके नाम खेत के कागजात है। अब ये नहीं होगा कि किसी परिवार में एक ही जमीन पर माता-पिता, पत्नी, बेटे पीएम किसान योजना के तहत सम्मान निधि की किस्त का लाभ ले रहे हो। यदि ऐसा है तो उन्हें पैसा वापस करना होगा। नए नियम के मुताबिक परिवार का एक ही सदस्य पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले सकता है जिसके नाम खेत के कागजात हैं।
पैसा नहीं लौटाने पर क्या हो सकती है कार्रवाई :
यदि नोटिस के बाद भी आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi ) का पैसा वापस नहीं करते हैं तो नियमानुसार आप पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो सकता है और आपको ऐसे मामले में जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इससे बचने के लिए ऐसे अपात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि को शीघ्र सरकार को लौटा देना चाहिए।