Kisan Karj Mafi Yojana: देश में किसानों को कर्ज के बोझ से राहत दिलाने वाली कृषि कर्ज माफी योजना (Loan Waiver Scheme) काफी चर्चा में रही है। यह दावा किया जाता है कि अधिकांश किसानों (Farmers) को ऋण माफी योजना का लाभ मिला. लेकिन, एक ताजा रिपोर्ट में इस योजना को लेकर जो खुलासा हुआ है उससे इसकी सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के महज 50 फीसदी किसानों को ही कृषि ऋण माफी योजना का लाभ मिल पाया है। भारतीय स्टेट बैंक के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक 2014 के बाद से जिन 9 राज्यों में कृषि ऋण माफी का एलान किया गया था, उन राज्यों में ऋण माफी की इच्छा रखने वालों में से केवल आधे लोगों को ही इसका लाभ मिल पाया।
रिपोर्ट से मुताबिक कृषि ऋण माफी योजना में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं। तेलंगाना में (5 फीसदी), मध्यप्रदेश में 12 फीसदी, पंजाब में 24 फीसदी, झारखंड में 13 फीसदी, पंजाब में 24, उत्तर प्रदेश में 52 फीसदी और कर्नाटक में 38 फीसदी लोगों को योजना का लाभ मिला है। जबकि 2018 में छत्तीसगढ़ में 100 फीसदी पात्र किसान और 2020 में महाराष्ट्र द्वारा 91 फीसदी पात्र किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ मिला।
किस राज्य में कितने किसानों को मिला कर्जमाफी का लाभ: Kisan Karj Mafi Yojana
रिपोर्ट के मुताबिक जिन 9 राज्यों में कर्ज माफी योजना (Debt Waiver Scheme) का खराब प्रदर्शन हुआ है उनमें तेलंगाना में (5 फीसदी), मध्यप्रदेश में 12 फीसदी, पंजाब में 24 फीसदी, झारखंड में 13 फीसदी, पंजाब में 24, उत्तर प्रदेश में 52 फीसदी और कर्नाटक में 38 फीसदी लोगों को कृषि ऋण माफी योजना का लाभ मिला है। जबकि 2018 में छत्तीसगढ़ में 100 फीसदी पात्र किसानों को कर्जमाफी का लाभ दिया गया। इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है जहां 91 प्रतिशत किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिला है।
50 फीसदी किसानों तक नहीं पहुंचा ऋण माफी का लाभ: Kisan Karj Mafi Yojana
रिपोर्ट में बताया गया है कि कृषि ऋण माफी योजना से अब भी देश के आधे किसान वंचित है। ऋण माफी योजना के तहत आंध्रप्रेदश के 42 लाख किसानों में से 92 प्रतिशत किसान ऋण माफी के पात्र थे। जबकि तेलंगाना में ये संख्या 5 प्रतिशत थी। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2022 तक इन आठ सालों के दौरान करीब 3.7 करोड़ पात्र किसानों में से केवल 50 फीसदी किसानों को ही ऋण माफी का लाभ मिल पाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन किसानों को ध्यान में रखकर ये योजना चलाई गई थी। उन किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंच ही नहीं पाया है।
ऋण माफी योजना में मानक खातों को भी किया शामिल: Kisan Karj Mafi Yojana
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह चिंता भी जताई गई है कि क्या वाकई आर्थिक संकट के दौर में किसानों को इस योजना से लाभ मिलता है? क्योंकि लोन माफी की पात्रता रखने वाले अधिकांश खाते मानक श्रेणी के थे। इससे यह सवाल खड़ा होता है क्या वाकई लोन माफी जरूरी थी। यहां मानक खातों से अभिप्राय यह है कि ऐसे खाते जिसमें उधारकर्ता सही समय से अपना ऋण चुका रहा होता है। जबकि ऐसे खातों को भी कृषि ऋण माफी योजना के तहत कवर किया गया। ऐसे खातों की संख्या झारखंड 100 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश 96 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश 95 प्रतिशत, पंजाब 86 प्रतिशत और तेलंगाना 84 प्रतिशत थी।
कर्ज माफी योजना तेलंगाना: Kisan Karj Mafi Yojana
तेलंगाना राज्य में चल रही एक ऋण माफी योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर किसानों का ऋण माफ किए गए हैं। ये योजना इस योजना के तहत 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जा रहा है जो 25-25 हजार की चार किश्तों में होगा।
कर्ज माफी योजना पंजाब: Kisan Karj Mafi Yojana
इस योजना को आरंभ करने की घोषणा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने की है। इस योजना में राज्य के किसानों के 2 लाख तक के ऋण माफ किए जानें हैं। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए पंजाब सरकार ने 1200 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। पहले राज्य सरकार की ओर से 5.63 लाख किसानों के 4610 करोड़ रुपए के कर्ज माफ किए गए थे। जिनमें से 1.34 लाख छोटे किसान और 4.29 लाख सीमांत किसान थे।
कर्ज माफी योजना राजस्थान: Kisan Karj Mafi Yojana
राजस्थान सरकार की ओर से कर्ज माफी योजना को 25 सितंबर 2019 को शुरू किया गया था। इसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा किसानों के 50 हजार रुपए तक के ऋण माफ करने की घोषणा की जा चुकी थी। वर्तमान राजस्थान सरकार की ओर से किसानों के डेढ़ लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाएगा। कुल मिलाकर किसानों को 2 लाख तक के ऋण माफ किए जाने हैं। अब सरकार द्वारा किसान ऋण माफी के दौरान 1800 करोड़ रुपए का खर्च वहन किया जाएगा।
क्या असली किसानों को इस योजना से मिला पैसा: Kisan Karj Mafi Yojana
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई के शोधकर्ताओं ने कहा है कि महाराष्ट्र के किसानों को ऋण माफी का लाभ देने के लिए 34000 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी। जैसा कि आपको ऊपर बताया गया कि देश के 9 राज्यों में ऋण माफी योजना को लेकर यह योजना 2014 में लागू की गई थी। शोध में यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि 2.25 लाख करोड़ रुपए असली किसानों को मिले या नहीं।
ऋण माफी योजना से किसानों को हो सकता है नुकसान: Kisan Karj Mafi Yojana
रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि ऋण माफी योजना आने वाले समय में किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके साथ ही इसका असर किसानों और कृषि के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने पर भी पड़ता है, क्योंकि इस तरह से सरकारों पर पडऩे वाला वित्तीय बोझ संस्थानों को वित्तीय रूप से कमजोर कर सकता है। बता दें कि कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से वास्तविक पात्र किसानों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पाता है। यदि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक ईमानदारी के साथ पहुंचे तो कर्जमाफी योजना की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
कृषि ऋण माफी योजना के बारे में… Kisan Karj Mafi Yojana
किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए कृषि ऋण माफी योजना चलाई गई है। इसे कई राज्यों ने शुरू किया और इसके तहत किसानों के पुराने कर्ज माफी किए गए। इसमें किसानों के 50 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक की कर्ज माफी का लाभ किसानों को दिया गया।
कर्जमाफी योजना मध्यप्रदेश: Kisan Karj Mafi Yojana
मध्यप्रदेश में जय किसान फसल ऋण माफी योजना चलाई गई है। इसके तहत प्रथम चरण में किसानों का 50 हजार रुपए का लोन माफ किया गया है। प्रथम चरण में जय किसान ऋण माफी के अंतर्गत 11 हजार किसानों का 36 हजार 80 लाख रुपए का कृषि ऋण माफ किया गया।
कर्ज माफी योजना उत्तरप्रदेश: Kisan Karj Mafi Yojana
उत्तरप्रदेश इस योजना की शुरुआत 9 जुलाई 2017 को राज्य के किसानो को राहत पहुंचाने के लिए की गई है। इस योजना के तहत करीब 86 लाख किसानों को कर्ज की कर्ज माफी की जानी है। इस योजना में उन किसानों के कर्ज ही माफ होंगे जिन्होंने 31 मार्च 2016 से पहले ऋण लिया है।
कर्ज माफी योजना झारखंड: Kisan Karj Mafi Yojana
इस योजना को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से वर्ष 2020 -21 का बजट को पेश करते हुए शुरू करने की घोषणा की थी। झारखंड किसान कर्ज माफी योजना 2021 के माध्यम से राज्य के छोटे एवं किसानों का 50000 रुपए तक का राज्य सरकर के द्वारा कर्ज माफ होना है। इस योजना के तहत जो राज्य के किसान गन्ना व फलों के साथ अन्य पारंपरिक खेती करते है उन किसानों को भी इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।