Mushroom ki Kheti : मशरूम की खेती के लिए सरकार देगी 8 लाख रुपए, जानिए कैसे मिलेगा योजना का लाभ.

8 lakh rupees for Mushroom Cultivation : मशरूम की खेती से बिहार सहित कई राज्यों के किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकार की ओर से राज्य के किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए किसानों को 8 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है. इच्छुक किसान इस योजना में आवेदन करके इसका लाभ उठा सकते हैं.

 

Mushroom ki Kheti : मशरूम की खेती देश के कई राज्यों में की जाती है। इससे किसान अच्छा पैसा कमा रहे हैं। मशरूम की खेती (mushroom cultivation ) की सबसे बड़ी खासियत ये हैं कि इसकी खेती के लिए लंबे-चौड़े खेतों की जरूरत नहीं होती है। इसे आप एक कमरे में भी शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा इसकी खेती के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहित भी किया जाता है। इसकी खेती के लिए सरकार किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। बिहार सहित कई राज्यों के किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार की ओर से राज्य के किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को 8 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। इच्छुक किसान इस योजना में आवेदन करके इसका लाभ उठा सकते हैं।

मशरूम उत्पादन को लेकर क्या है राजस्थान सरकार की योजना ?

राजस्थान सरकार की ओर से मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को इस पर अनुदान दिया जाता है। इसके तहत किसानों को प्रति इकाई लागत का 40 प्रतिशत जो अधिकतम 8 लाख रुपए अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान अधिकतम 20 लाख रुपए तक की लागत वाले मशरूम इकाई के लिए दिया जाता है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इच्छुक किसान इसमें आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

मशरूम की खेती और यूनिट की स्थापना पर कितनी मिलेगी सब्सिडी (Mushroom ki Kheti) :

मशरूम खेती और इसकी यूनिट खोलने के लिए राज्य के किसानों को जो सब्सिडी दी जाएगी वे इस प्रकार से है-

  • मशरूम उत्पादन कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार की ओर से मशरूम उत्पादन और स्पॉन व कम्पोस्ट इकाई हेतु सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। यदि किसान 20 लाख रुपए की लागत से मशरूम यूनिट की स्थापना करता है तो उसे इकाई लागत का 40 प्रतिशत यानि 8 लाख रुपए प्रति इकाई क्रेडिट लिंक बैक एंडिड अनुदान दिया जाता है।
  • वहीं मशरूम उत्‍पादन इकाई जिसकी लागत 15 लाख रुपए आती है। उस पर सरकार की ओर से 40 प्रतिशत या अधिकतम 6 लाख रुपए प्रति इकाई क्रेडिट लिंक बैक एंडिड सब्सिडी दिया जाता है।
  • इसके अलावा मशरूम स्पॉन/कंपोस्ट यूनिट खाेलने के लिए जिसकी लागत 20 लाख रुपए निर्धारित की गई है, उस पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को परियोजना लागत का 40 प्रतिशत, अधिकतम 8 लाख रुपए का प्रति इकाई क्रेडिट लिंक बैक एंडिड अनुदान दिया जाता है।

 

किन जिलों के किसानों को मिलेगा सब्सिडी का लाभ

मशरूम की बागवानी के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अनुदान दिया जाता है। राजस्थान सरकार ने मशरूम की बागवानी के लिए जिन जिलों के किसानों को अनुदान के लिए शामिल किया है उनमें अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चितौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, बांरा और करौली के किसानों या किसान समूह को अनुदान दिया जाएगा।

योजना में आवेदन के लिए किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता :

राजस्थान सरकार की मशरूम उत्पादन योजना के तहत आवेदन करते समय किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-

  • आधार कार्ड की प्रति
  • बैंक पासबुक की प्रति
  • पैन कार्ड की प्रति
  • किसान का शपथ पत्र या लोन की कॉपी
  • जन आधार अथवा भामाशाह कार्ड की प्रति
  • प्रोजेक्ट रिपोर्ट

मशरूम यूनिट पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन :

जो किसान मशरूम की खेती के साथ ही मशरूम उत्पादन यूनिट लगाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे राज्य सरकार की इस योजना में आवेदन कर सकते हैं, इस योजना में आवेदन करने से पहले आप अपने जिले के कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं, जहां से आपको इस योजना की अपडेट मिल जाएगी। इसके बाद कृषि विभाग में ही ऑफलाइन आवेदन फॉर्म जमा करवाया जा सकता है। वहीं यदि आप इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आप ई-मित्र केंद्र या सीएससी सेंटर पर जाकर इसके लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।

मशरूम उत्पादन योजना की खास बातें :

मशरूम उत्पादन योजना के तहत निजी क्षेत्र में मशरूम इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने हेतु आवश्यक मशीनरी व बुनियादी ढांचागत सुविधाएं और इससे संबंधित उपकरणों व स्थापित की जाने वाली स्पॉन व कम्पोस्ट इकाईयों के विवरण सहित प्लांट व मशीनरी का पूर्ण विवरण, लागत एस्टीमेट, वित्तीय विश्लेषण इत्यादि के साथ विस्तृत परियोजना प्रस्ताव, बैंक ऋण स्वीकृति पत्र, भू-स्वामित्व दस्तावेज व शपथ पत्र के साथ प्रस्ताव जिला हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट सोसायटी के माध्यम से राजस्थान हॉर्टी कल्चर डवलपमेंट सोसायटी, जयपुर को प्रस्तुत करने होंगे।

  • परियोजना प्रस्ताव की कुल लागत का लगभग 50-75 प्रतिशत तक का बैंक ऋण (बैंक टर्म लोन) लेना जरूरी होगा। यह ऋण अनुदान राशि से अधिक होना चाहिए।
  • परियोजना प्रस्ताव के समक्ष स्तर से अनुमोदन के बाद प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। आवेदक द्वारा इकाई स्थापना का कार्य अधिकतम एक वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना आवश्यक होगा।
  • आवेदक द्वारा परियोजना में प्रस्तावित गतिविधियों की प्रशासनिक स्वीकृति अनुसार कार्य पूर्ण करके जिला हॉर्टीकल्चर डवलमेंट सोसायटी/राजस्थान हॉर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी को अवगत कराया जाएगा। आरएचडीएस द्वारा निर्धारित कमेटी की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार अनुदान राशि जिला हॉर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी द्वारा आवेदनकर्ता के बैक अनुदान आरक्षित खाते में हस्तांतरित की जाएगी।
  • अनुदान राशि तीन वर्ष की लॉक इन अवधि पूरी होने के बाद बैक एंडिड प्रक्रिया से अंत में समायोजित की जाएगी।
  • इकाई पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अनुदानित, स्थापित वर्ष, कुल लागत, मशीनरी का विवरण इत्यादि की जानकारी का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।