Bihar Mgnrega Yojana : मनरेगा में मजदूरों के भुगतान को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं. खासकर दोहरा भुगतान, फर्जी जॉब कार्ड बनाकर पैसे की निकासी, पंचायत एजेंसियों द्वारा फर्जी उपस्थिति दर्ज कराना आदि शामिल हैं.
Mgnrega Yojana : बिहार में आज से मनरेगा योजना में मजदूरी के भुगतान के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मजदूर काम कर रहे हैं या नहीं, इसके लिए उनकी उपस्थिति बायोमेट्रिक तरीके से उसी जगह दर्ज होगी, जहां उन्हें काम मिलेगा। सूबे में 92.72 लाख सक्रिय मनरेगा मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजिरी की तैयारी पूरी हो चुकी है। अधिकारियों का दावा है कि इससे फर्जीवाड़े को रोका जा सकता है।
मजदूरों की बायोमेट्रिक लगेगी हाजिरी :
मनरेगा (Mgnrega Yojana) के तहत ग्रामीण इलाकों में विकास कार्य होते हैं, पर मजदूरों के भुगतान को लेकर अक्सर शिकायतें आती हैं। खासकर दोहरा भुगतान, फर्जी जॉब कार्ड बनाकर पैसे की निकासी, पंचायत एजेंसियों द्वारा फर्जी उपस्थिति दर्ज कराना आदि शामिल हैं। गड़बड़ियों को रोकने के लिए पहले चरण में जिन मजदूरों के पास जॉब कार्ड है, उसे आधार से लिंक किया जा रहा है। दूसरे चरण में मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजिरी के बाद भुगतान की व्यवस्था लागू की जाएगी। पटना के मनरेगा जिला प्रोग्राम अधिकारी के मुताबिक इसे जल्द लागू किया जाएगा।
ऐसे लगेगी हाजिरी :
मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए कोई मशीन का इस्तेमाल नहीं होगा। जहां मजदूर काम करेंगे, वहां तैनात पंचायत रोजगार सेवक और मेट अपने एंड्रायड मोबाइल फोन में उपलब्ध बायोमेट्रिक एप से मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करेंगे। वैसे ही मजूदरों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगेगी जिनका जॉब कार्ड आधार से लिंक है। ऐसी स्थिति में कोई भी मजदूर दो जगह पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सकता।
पटना के 3.61 लाख मजदूरों ने दो साल में एक दिन भी नहीं किया काम :
जॉब कार्ड को आधार से लिंक करने के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। पटना जिले में 3 लाख 61 हजार 421 मनरेगा मजदूर ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले दो साल से एक दिन भी जॉब कार्ड से काम नहीं किया है। इसके पीछे अधिकारी तीन कारण मानते हैं। पटना से अन्य जगहों पर मजदूरों का पलायन, सरकारी काम के बदले निजी क्षेत्र या अपने काम में लिप्त होना और मजदूरी का समय पर भुगतान नहीं होना प्रमुख है। यही वजह है कि पटना में सक्रिय मजदूरों से असक्रिय मजदूरों की संख्या अधिक है।
बिहार में 2.82 करोड़ मनरेगा मजदूर :
बिहार में मनरेगा मजदूरों की संख्या दो करोड़ 82 लाख, 32 हजार 278 है। इनमें सक्रिय मजदूरों की संख्या 92 लाख 72 हजार 745 है। वहीं एक करोड़, 89 लाख, 59 हजार 533 असक्रिय मजदूर हैं। असक्रिय मजदूरों को पिछले दो साल से सरकारी तौर पर कोई काम नहीं मिला है। जो मजदूर सक्रिय हैं, उनमें सबसे अधिक पूर्वी चंपारण जिले में चार लाख 74 हजार 514, समस्तीपुर में चार लाख 45 हजार 548 और गया में चार लाख 26 हजार 317 हैं। मधुबनी में असक्रिय मजदूरों की संख्या 10 लाख, 41 हजार, 653 है। इसके बाद गया जिले में नौ लाख 77 हजार 463, दरभंगा में नौ लाख, छह हजार 388 और पूर्वी चंपारण में आठ लाख 59 हजार 81 असक्रिय मजदूर हैं।
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. Bihartoday.net पर विस्तार से पढ़ें बिहार से जुड़े ताजा-तरीन खबरें.