अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर स्थिति बहुत खराब है. वहां पर हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई है. सभी लोग देश से बाहर जाना चाहते हैं, लेकिन वहां पर फ्लाईट उपलब्ध नहीं हैं. इस बीच एयरपोर्ट पर हुई गोलीबारी की घटना के बाद दहशत और अधिक फैल गई है. गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कइयों के घायल होने की सूचना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने भरोसा दिया है कि वह जल्द ही एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए 6000 सैनिकों को भेज रहा है.
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से स्थितियां लगातार बदल रहीं हैं. राजधानी काबुल से भागने के लिए भारी संख्या में लोग एयरपोर्ट पर इकट्ठा हो गए हैं. हालांकि तालिबान ने शांति बनाए रखने का वादा किया है, लेकिन अफगानिस्तान में लगातार नए-नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं.
एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र को अनियंत्रित घोषित कर दिया गया है. इसके बाद सभी एयरलाइनों को बंद कर दिया गया है. दूसरी तरफ अमेरिका से दिल्ली आने वाली उड़ानों को अफगान हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने के लेकर रूट डायवर्ट किया जा रहा है. बता दें कि, अफगान हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण एयर इंडिया की एआई 126 शिकागो-दिल्ली उड़ान को खाड़ी हवाई क्षेत्र की ओर मोड़ा गया है. एयर इंडिया ने एजेंसी को बताया कि अफगान हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण उड़ानें संचालित नहीं हो सकतीं.
विस्तारा ने अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुजरने वाली दिल्ली से लंदन की उड़ान को फिलहाल बंद कर दिया है. काबुल पर रविवार को तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर आशंका जताई जा रही है.
गोलीबारी में मरने वालों की संख्या पांच पहुंची : समाचार एजेंसी रॉयटर्स का दावा है कि काबुल एयरपोर्ट पर हुई गोलीबारी में मरने वालों की संख्या पांच हो गई है. रॉयटर्स ने एक चश्मदीद का हवाला देते हुए ये दावा किया है. चश्मदीद का दावा है कि उसने खून से सने पांच शवों को गाड़ी में ले जाते हुए देखा.
काबुल-दिल्ली के बीच की उड़ान बंद : अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत की कोशिशें तेज़ हैं, लेकिन इस बीच बुरी खबर ये है कि काबुल और दिल्ली के बीच की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. बता दें कि भारत की ओर से एयर इंडिया की कुछ फ्लाइट्स को रिजर्व किया गया था, ताकि भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला जा सके. आज नई दिल्ली में कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई में एक अहम बैठक भी हो रही है. इसमें विदेश मंत्रालय, सिविल एविएशन मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद हैं. अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के लिए मंथन हो सकता है.
दूतावास से अमेरिका का झंडा उतारा गया : अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान से अपने लोगों को निकालने के बीच काबुल में अमेरिकी दूतावास से अमेरिकी झंडा उतार लिया गया है. अधिकारी ने बताया कि दूतावास के लगभग सभी अधिकारियों को शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचा दिया गया है, जहां पर हजारों अमेरिकी और अन्य लोग विमानों का इंतजार कर रहे हैं.
( वीडियो साभार : etvbharat.com )
अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी झंडा दूतावास के अधिकारियों में से एक के पास है. अगले दो दिन में अमेरिका के 6,000 सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद होंगे और वे हवाई यातायात नियंत्रण अपने कब्जे में ले लेंगे. बीते दो हफ्तों में विशेष वीजा धारक करीब 2,000 लोग काबुल से अमेरिका पहुंच चुके हैं.
काबुल एयरपोर्ट पर जबरदस्त फायरिंग : काबुल में एयरपोर्ट पर जबरदस्त फायरिंग हुई है. इस फायरिंग के बाद एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला. तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका जैसा देश भी बेबस नजर आ रहा है. एयरपोर्ट पर हमले की खबर के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों से एयरपोर्ट जाने से मना किया. अमेरिका ने अपने नागरिकों से सुरक्षित जगह पर शरण लेने को कहा है.
#UPDATE | Due to the closure of Afghan airspace flights can’t operate, Air India confirms to ANI
— ANI (@ANI) August 16, 2021
भारत ने की अपने नागरिकों के लिए खास तैयारी : भारत भी अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में जुटा है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने एअर इंडिया से दो विमान रिजर्व पर रखने को कहा है, ताकि काबुल से लोगों को निकाला जा सके.
आज सुबह ऐसा रहा काबुल एयरपोर्ट का नज़ारा : काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब कमर्शियल फ्लाइट्स की उड़ान रोक दी गई है, यहां पर फायरिंग हो रही है. बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ने की कोशिश में हैं, लेकिन हवाई जहाजों की उड़ान रुकने से अब वह अधर में फंस गए हैं.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और राष्ट्रपति अशरफ गनी के शासन के घुटने टेकने के बीच अमेरिका ने कहा है कि अपने नागरिकों, अपने मित्रों और सहयोगियों की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी के लिए वह काबुल हवाईअड्डे पर 6,000 सैनिकों को तैनात करेगा. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने महत्वपूर्ण सहयोगी देशों के अपने समकक्षों से बात की. हालांकि इनमें भारत शामिल नहीं था. अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं.
At least 5 people were killed in Kabul airport as hundreds of people tried to forcibly enter planes leaving Kabul, witnesses: Reuters
— ANI (@ANI) August 16, 2021
विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि फिलहाल हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं ताकि सैन्य और असैन्य विमानों के जरिए अमेरिकी लोग और उनके सहयोगी अफगानिस्तान से सुरक्षित निकल सकें. इसमें कहा गया कि अगले 48 घंटों में, करीब 6000 सुरक्षाकर्मियों को वहां तैनात किया जाएगा। उनका मिशन लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने में मदद देना होगा और वे हवाई यातायात नियंत्रण को भी अपने कब्जे में लेंगे. कल और आने वाले दिनों में हम देश से हजारों अमेरिकी नागरिकों, काबुल में अमेरिकी मिशन पर तैनात स्थानीय लोगों और उनके परिवारों को निकालेंगे.
बीते दो हफ्तों में विशेष वीजा धारक करीब 2,000 लोग काबुल से अमेरिका पहुंच चुके हैं. विदेश विभाग की ओर से कहा गया कि ब्लिंकन ने अफगानिस्तान में हालात तथा सुरक्षा संबंधी विषय पर ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी और नॉर्वे में अपने समकक्षों से बात की. विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अमेरिकी दूतावास के कर्मियों को सुरक्षित निकालने का काम पूरा हो चुका है.
( इनपुट- एएनआई/पीटीआई )