Bharat Band : राज्य के विभिन्न जिलों में भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है. वहीं राजधानी पटना के डाक बंगला चौराहे पर भी नेता और कार्यकर्ता सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करते हुए देखे गए. इनमें सबसे ज्यादा वाम दलों की सक्रियता रही.
Bharat Band : सोमवार को किसान आंदोलन के समर्थन में किसान नेताओं द्वारा बुलाए गए भारत बंद (Bharat Bandh) को प्रदेश में पूरे विपक्ष ने अपना समर्थन दिया. पटना के डाकबंगला चौराहे (Dak Bungalow Chowk) पर महागठबंधन के सभी घटक दलों के अलावा आम आदमी पार्टी और जन अधिकार पार्टी जैसी अन्य विपक्षी पार्टियां भी पहुंच कर भारत बंद को लेकर प्रदर्शन में अपनी भागीदारी निभाई. सर्वाधिक सक्रियता वामदलों की देखने को मिली. भीड़ में लाल झंडे खूब नजर आए. वामदलों के सभी प्रमुख नेताओं ने पहुंचकर डाक बंगला चौराहा जाम किया.
सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि – ‘यह भारत बंद पूरी तरह से सफल रहा है. इसके लिए बंद का समर्थन करने वाले प्रदेश के सभी लोगों को धन्यवाद. इस बंद में पूरा महागठबंधन का घटक दल एकजुट है. किसान संगठनों ने किसान विरोधी बिल के विरोध में जो भारत बंद का कॉल दिया था, वह अब जन आंदोलन का रूप ले चुका है. अब किसानों के मुद्दे के साथ-साथ नौजवानों के मुद्दे, महिलाओं के मुद्दे, श्रमिकों के मुद्दे, बेरोजगारी के मुद्दे सभी मुद्दे एक साथ जुड़ गए हैं. अगर किसानों के ऊपर यह काला कानून लाद दिया जाता है तो खेती किसानी पूजीपतियों की गिरफ्त में चला जाएगा. और इसके विरोध में आज जो यह प्रदर्शन हुआ है, निश्चित रूप से इसका असर होगा.’
उन्होंने कहा कि अगर सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती है, तो उत्तर प्रदेश में चुनाव हारेगी और आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी हारेगी. उन्होंने कहा कि आज इस भारत बंद में जिस प्रकार से पूरा विपक्ष एकजुट हुआ है, इससे एक व्यापक मोर्चा बन रहा है. जिसमें भाजपा एक तरफ और पूरी विपक्षी पार्टियां दूसरी तरफ हैं. निश्चित रूप से यह मोर्चा भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों को झुकाने में कारगर होगा.
सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा – ‘किसानों के आह्वान पर बुलाए भारत बंद में आज भारत बंद पूरी तरह से सफल रहा है. महागठबंधन के सभी घटक दल एकजुट हैं. सभी घटक दल 38 जिला के जिला मुख्यालयों में बंद को समर्थन दे रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून को वापस लेना ही होगा. क्योंकि आज के भारत बंद में आम लोगों का भी भरपूर साथ मिल रहा है.’
भाकपा माले के सचिव कुणाल कहते हैं – ‘यह आंदोलन सिर्फ किसानों के आंदोलन तक सीमित नहीं है. इस आंदोलन के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा बन रहा है. इस आंदोलन को सभी मजदूर संगठन छात्र नौजवान संगठन महिला संगठन का समर्थन मिल रहा है. देश में जितने भी लोग भाजपा के नीतियों से सताए हुए हैं, सभी का संगठन इस भारत बंद में शामिल है. इस आंदोलन से निश्चित रूप से केंद्र सरकार के तानाशाही रवैया को चुनौती मिल रही है. पूरा भरोसा है कि यह आंदोलन सफल रहेगा और केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे.’