Indian Railways: देश में एक बड़ी आबादी भारतीय ट्रेनों में सफर करती है। भारतीय रेलवे का एक विशाल नेटवर्क देश के अधिकांश इलाकों में फैला हुआ है। ये सीमांत इलाकों को बड़े-बड़े महानगरों से जोड़ने का काम करता है। इसी वजह से भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन की संज्ञा भी दी जाती है।
भारतीय रेलवे किन्हीं और साधनों की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित और सुगम विकल्प है। अक्सर जब भी हम ट्रेनों में सफर करते हैं या ट्रेन टिकट को बुक करते समय एक्सप्रेस, मेल या सुपरफास्ट ट्रेनों के बारे में सुनते हैं। वहीं क्या आपको इनके बीच के अतंर के बारे में पता है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। एक्स्प्रेस, मेल-एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों के बीच में क्या अंतर होता है? इस बारे में बेहद कम लोगों को ही पता है। इसी सिलसिले में आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से –
एक्सप्रेस ट्रेन
एक्सप्रेस ट्रेनें सेमी प्रायोरिटी वाली ट्रेन सेवा होती हैं। ये ट्रेनें 55 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रफतार पर चलती हैं। ये ट्रेनें मेल ट्रेनों की तरह किसी-किसी स्टेशन और हाल्ट पर नहीं रुकती हैं।
इन ट्रेनों की खास बात यह होती है कि इनका नाम किसी शहर, जगह या किसी व्यक्ति के नाम से भी शुरू हो सकता है। एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल, स्लीपर और एसी कोच लगे होते हैं।
मेल
मेल ट्रेनें शहरों के साथ लंबी दूरी के स्टेशनों को भी जोड़ने का काम करती हैं। इन ट्रेनों की रफ्तार एक्सप्रेस ट्रेनों और सुपरफास्ट ट्रेनों के मुकाबले काफी कम होती है। मेल ट्रेनें लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती है। ये ट्रेनें कई जगहों पर रुक-रुक कर चलती हैं। अक्सर ये हॉल्ट पर भी रुकती हैं।
सुपरफास्ट ट्रेन
ये ट्रेनें एक्सप्रेस या मेल की तुलना में ज्यादा तेज चलती हैं। इनकी स्पीड लगभग 110 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा तेज होती है। सुपरफास्ट ट्रेनों में स्टॉपपेज कम होते हैं। हालांकि, सुपरफास्ट ट्रेनों का किराया मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों से ज्यादा होता है। ये ट्रेनें एक राज्य से दूसरे राज्यों के बीच में चलती हैं।