Quick Watering System : मुजफ्फरपुर स्टेशन पर भी ट्रेन के कोचों में पानी भरने के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम (Quick watering system) का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके तहत, 24 डिब्बों वाली एक ट्रेन को पूरी तरह खाली होने पर दोबारा भरने में 10 मिनट लगेंगे.
Quick Watering System : पूर्व मध्य रेल अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए हमेशा तैयार रहता है, इसी कड़ी में अब मुजफ्फरपुर स्टेशन पर भी ट्रेन के कोचों में पानी भरने के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम (Quick watering system) का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार के मुताबिक, ट्रेन के डिब्बों में पानी की उपलब्धता यात्रियों की आवश्यकताओं में से एक है. वहीं, पानी नहीं भरने को लेकर लोगों की शिकायतें समय-समय पर आती रहती हैं. दरअसल टंकी का धीमी गति से भरने का एक मुख्य कारण पानी के पाइपों के जरिए पानी का धीमा प्रवाह होना है.
दरअसल, मुजफ्फरपुर जंक्शन सोनपुर मंडल का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है. मुजफ्फरपुर जंक्शन में 8 प्लेटफॉर्म में से 5 हाइड्रेंट लाइनों से लैस हैं. जबकि, लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनों में 5 से 10 मिनट का ठहराव होता है. ऐसे में सभी कोचों को स्टॉपेज समय के अंदर भरना बहुत मुश्किल है. त्वरित जल प्रणाली यानी की क्विक वाटरिंग सिस्टम से 24 डिब्बों वाली एक ट्रेन को पूरी तरह खाली होने पर 10 मिनट में दोबारा पूरा भरा जा सकता है.
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार 10 मिनट में पानी भरने में सक्षम होने के लिए, 4 सेंट्रीफ्यूगल पंपों के 2 सेट होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में से 3 पंप चालू रहते हैं. जबकि एक पंप को फेल होने की स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए स्टैंडबाय के रूप में रखा जाता है, हर पंप की क्षमता 35 मीटर हेड के साथ 200m3/hr की है. वहीं मोटर कपल 40hp, 415 V AC है, जो 1450 rpm पर चलता है.
यह वाटर फ्लो को ऑटोमेटिक ही नियंत्रित करने के लिए SCADA का इस्तेमाल करता है. इसमें एसएमएस से निगरानी रखने की सुविधा है. इसे SCADA के साथ दूर से भी संचालित किया जा सकता है. SCADA प्रणाली पानी की खपत को रिकॉर्ड करने में मदद करती है और हाइड्रेंट या रिसाव के किसी भी अनाधिकृत उपयोग की पहचान करने में भी मदद करती है.
इस सिस्टम के इस्तेमाल से न केवल पानी की बर्बादी पर नियंत्रण किया जा सकेगा बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भरा जा सकेगा. इस तरह पानी की बर्बादी पर रोक लगने से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकेगा. ट्रेनों में पानी भरने में लगने वाला समय पहले की व्यवस्था की तुलना में काफी कम है, अब 24 कोच वाली ट्रेन को पूरी तरह से पानी देने में केवल 10 मिनट का समय लगता है. इससे मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के समयपालन में सुधार को मदद मिलेगी.