Proprety Rate in Patna : पटना शहर के सबसे पॉश इलाकों में गांधी मैदान से लेकर सगुना मोड़ तक का क्षेत्र आता है, यही कारण है कि इन इलाकों में जमीन का रेट करोड़ से भी उपर है.
Proprety Rate in Patna : हर किसी का सपना होता है कि उसका एक अपना घर हो. अगर बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो पिछले कुछ सालों में पटना शहर और इसके अगले-बगल के इलाके तेजी से विकसित हो रहे हैं, जहां लोग जमीन खरीद रहे हैं. अगर आपका भी सपना पटना में घर बनाने का है तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि पटना के कौन-कौन से इलाके तेजी से विकसित हो रहे हैं और किन इलाकों का सर्किल रेट क्या है.
राजधानी पटना में यूं तो जमीन खरीदना हमेशा से महंगा रहा है, पर सरकार द्वारा पटना के अगल-बगल के इलाकों में सुविधायें बढ़ाने और चौड़ी सडकों के निर्माण के बाद पटना शहर के बाहरी इलाकों में तेजी से घरों का निर्माण शुरू हुआ है. पटना में गांधी मैदान से सगुना मोड़ तक का इलाका सबसे पॉश इलाकों में गिना जाता है. पटना के मुख्य शहर के अलावा खगौल, दानापुर, बिहटा, गया रोड का इलाका, संपतचक, गौरीचक, धनरुआ, जीरो माइल का इलाका और फतुहा रोड के इलाके में आने वाले मौजा में जमीनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. ये सभी इलाके तेजी से विकसित हो रहे हैं और लोग अपने घर के लिए जमीन की रजिस्ट्री करवा रहे हैं.
पटना से सटे बाहरी इलाकों का सर्किल रेट :
पटना से सटे बाहरी इलाकों की आज सबसे ज्यादा डिमांड है. यहां पर लोग तेजी से घर बनाने के लिए जमीन खरीद रहे हैं. बिहटा में नया एयरपोर्ट की घोषणा और एलिवेटेड रोड बनने के बाद जमीन की मांग तेजी से बढ़ी है. वहीं दानापुर और फुलवारीशरीफ – इन इलाकों का जितनी तेजी से विकास हो रहा है, उसके अनुरूप यहां जमीनों का मिनिमम वैल्यू रेट (एमवीआर) कम है. निबंधन विभाग द्वारा इन इलाकों की जमीनों की कीमतें 10 से 30 फीसद तक बढ़ाने का प्रस्ताव है. निबंधन विभाग नए सिरे से जमीन का एमवीआर तय करने की तैयारी में है. एमवीआर बढऩे से फ्लैटों के निबंधन की दरों में भी पांच से दस फीसद तक बढ़ोतरी हो सकती है.
विभागीय सूत्रों के अनुसार पटना के शहरी क्षेत्रों की जमीन की कीमतों में बहुत बदलाव की संभावना नहीं है. सिर्फ दानापुर एवं फुलवारीशरीफ में कई ऐसे नए इलाके विकसित हुए हैं, जहां जमीनों का एमवीआर काफी कम है. पहले जो क्षेत्र संपर्क सड़कों से सटे थे, अब नई मुख्य सड़कं बन जाने से उनकी बाजार दरें काफी बढ़ गई है.
जानिए पटना के मुख्य इलाकों का सर्किल रेट :
पटना के मुख्य इलाके (जो पॉश इलाकों में आते हैं) में अगर यहां जमीन लेने की सोच रहे हैं तो यहां की कीमत पहले जान लीजिए. सभी कीमतें प्रति कट्ठा के हिसाब से दी गई हैं. डाकबंगला में 1.3 से 1.4 करोड़, फ्रेजर रोड 1.2 से 1.3 करोड़, एग्जीबिशन रोड 1.2 करोड़ 1.3 करोड़, गोला रोड मुख्य सड़क 50 लाख से 60 लाख, सगुना मोड़ से खगौल स्टेशन 82 लाख से 90 लाख, गोला रोड ब्रांच रोड 25 लाख से 40 लाख, आशियाना रोड 33 लाख से 45 लाख, बेउर 30 लाख से 40 लाख, अनिसाबाद 40 लाख से 60 लाख और जगदेवपथ इलाके में 50 से 70 लाख की दर है.
बिहटा इलाके में विभिन्न मौजा का सर्किल रेट प्रति डिसिमिल :
सिकंदरपुर मौजा- 2.70 लाख से 1.68 लाख, देवकुली- 1.80 से 1.68 लाख, सदिसोपुर- 1.89 से 1.44 लाख, कन्हौली- 1.88 से 1.44 लाख, विसंभारपुर- 1.44 से 1.12 लाख, शिवाला से सदीसोपुर 10 से 20 लाख प्रति कट्ठा, नेउरा से सदीसोपुर भीतरी इलाका 5 से 12 लाख, दानापुर इलाके में रेट प्रति डीसमील, बड़ी खगौल में 4.5- 4 लाख, सवाजपुरा पूर्वी मोड़ – 5. 0- 4.0 लाख, सवजपुरा पश्चमी इलाका- 5.0- 4.0 लाख
फतुहा के विभिन्न मौजों का रेट :
गोविंदपुर दरिया मौजा में मुख्य सड़क पर आवासीय जमीन 4 लाख रुपए, जबकि ब्रांच रोड में 2.24 लाख प्रति डिसमिल है. इसी तरह मुख्य सड़क और ब्रांच रोड में नियाजीपुर 90 हजार, रामजीचक में 56 हजार से 38 हजार, वारिशपुर में 1 लाख 12 हजार जबकि ब्रांच रोड में 60 हजार रुपये प्रति डिसीमल है. गया रोड इलाके का रेट धनरुआ में 1.62- 1.20 लाख, रूपसपुर में 1.21 – 96 हजार, मोस्तफ़ापुर में 405090- 32 हजार है.
इन इलाकों में 20 लाख कट्ठा जमीन की कीमत पहुंच सकती है 40 – 60 लाख तक :
पटना शहर के सबसे पॉश इलाकों में गांधी मैदान से लेकर सगुना मोड़ तक का क्षेत्र आता है, जिसमे गोला रोड में पाटलिपुत्र स्टेशन से दीघा तक मुख्य सड़क का निर्माण होने से इस क्षेत्र की जमीन 20 लाख रुपये प्रति कट्ठा से बढ़कर 40 लाख रुपये प्रति कट्ठा तक हो गयी है. हालांकि अंदर की जमीनें अब भी 20 से बढ़कर 25 लाख रुपये प्रति कट्ठा तक जा सकती हैं. .
वहीं खगौल से भुसौला दानापुर तक सड़क बन जाने के बाद जानीपुर क्षेत्र की जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. इस क्षेत्र में जमीन 30 से 60 लाख रुपये प्रति कट्ठा की दर से बिक रही है. जबकि सर्किल रेट अब भी 5 लाख से 15 लाख रुपये प्रति कट्ठा ही निर्धारित है. पिछले तीन-चार वर्षों में क्षेत्र का काफी विकास हुआ है. नया बाइपास भी बनने लगा है.