Property Today : कोरोना वायरस के बाद रियल एस्टेट सेक्टर की मांग बढ़ी है. ऐसे में कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है.
Property Today : कोरोना महामारी ने हमारी जिंदगी पर कई तरह से असर डाला. लेकिन इसने इसी के साथ लोगों को रियल एस्टेट में निवेश करने के भी प्रेरित किया. एक्सपर्ट भी इस बात से सहमत हैं कि कोरोना वायरस के कारण रियल एस्टेट का मार्केट सुधरा है. लोगों में अपना खुद का घर खरीदकर एक सुरक्षित माहौल में रहने की भावना बढ़ी है.
गोयल गंगा डेवलपमेंट्स के डायरेक्टर अनुराग गोयल ने निवेश के नजरिए से रेजिडेंशियल और कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर को एक समृद्ध, टिकाऊ और हाई-पोटेंशियल वाला क्षेत्र बताया है. उन्होंने कहा कि कमर्शियल रियल एस्टेट में रेजिडेंशियल के मुकाबले इनपुट लागत थोड़ा अधिक है लेकिन यह निवेश जीवन भर के लिए होते हैं और लगातार रिटर्न देने का वादा करते हैं. उन्होंने बताया कि कैसे कॉमर्शयल रिएल एस्टेट 2022-23 में आपके निवेश पोर्टफोलियो को चमका देंगे.
स्वस्थ रुझान :
उन्होंने कहा कि नाइट फ्रैंक की लेटेस्ट आउटलुक 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 की तुलना में, भारत के कमर्शियल और रियल एस्टेट दोनों क्षेत्रों में 2022 में स्थिर और सतत विकास होगा. देश में वैक्सीनेशन अभियान के पूरा होने और कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद ऑफिस स्पेस और कमर्शियल स्पेस की मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है.
ऐसी ही कुछ रिपोर्ट Colliers और Qdesq ने भी दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 तक मेट्रो और गैर मेट्रो शहरों में ऑफिस स्पेस का अवशोषण (Absorption) 60 मिलियन वर्ग फुट को पार कर जाएगा. कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों की सुस्त मांग एक चुस्त और लचीले वर्क मॉडल में परिवर्तित हो गई है और इसी से कॉमर्शियल रियल एस्टेट चल रहा है. ऑफिस स्पेस की मांग करने वालों में आईटी-बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (आईटी-बीपीएम), ई-कॉमर्स और कंसल्टिंग में काम करने वाले बड़े व्यवसाय प्रमुख होंगे. इन रूझानों से कॉमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश करने को बल मिलता है.
कोवर्किंक स्पेस की मांग :
उन्होंने बताया कि पूरे भारत में कोवर्किंग स्पेस की मांग बढ़ गई है. इसके अलावा, मेट्रो शहरों के साथ, अहमादाबाद, जयपुर, इंदौर और कोयंबटूर जैसे टॉप टियर 2 शहर भी फ्लेक्स स्पेस के बढ़ते बिजनेस को आकर्षित कर रहे हैं. कोवर्किंग सेक्टर का विकास इन्वेस्टर्स के लिए इस आला बाजार को अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है. 2022 के बाद से इसकी सतत वृद्धि के साथ यह किराये के आय का अच्छा स्रोत साबित हो सकता है.
डेटा सेंटर की मांग :
उन्होंने कहा कि कॉमर्शियल रियल एस्टेट का एक नया लेकिन क्रांतिकारी सेगमेंट डेटा सेंटर है, जो काफी तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि महामारी इसके लिए काफी मुश्किल भरा था, लेकिन डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम इसके लिए वरदान था. डिजिटल ट्रांजैक्शन में वृद्धि ने पूरे भारत में डेटा सेंटर की स्थापना को आवश्यक बना दिया है. बड़ी आईटी कंपनियां डेटा सेंटर के लिए टियर 1 और 2 शहरों में स्पेस खोज रही हैं. यह इन्वेस्टर्स के लिए बड़ा मौका है.
ई-कॉमर्स गतिविधियों, ऑनलाइन एजुकेशन, डेटा खपत और पेमेंट इकोसिस्टम में वृद्धि के साथ, अगले दो वर्षों में डेटा केंद्रों की मांग में 25-35 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो इन्वेस्टर्स को एक बेहतर मौका प्रदान करेगी.
( source : zeebiz.com )