Bihar land Mutation : दाखिल खारिज के लिए भटक रहे लोग ! समय निर्धारण का अधिकारियों पर असर नहीं, सिर्फ पटना में 70 हजार आवेदन पेंडिंग.

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Corruption at its peak in Bihar land Mutation : दाखिल खारिज के लिए निर्धारित समय सीमा 35 दिनों में म्यूटेशन होने को लेकर सरकार की ओर से तरह-तरह के कवायद के बावजूद तय समय में निष्पादन कम हो रहा है. नतीजा पेंडिंग आवेदनों की संख्या में इजाफा हो रहा है. म्यूटेशन की मौजूदा ऑनलाइन प्रक्रिया के बावजूद समय सीमा का पालन नहीं किया जा रहा है.

Bihar land mutation : बिहार में दाखिल खारिज के लिए लोग भटक रहे हैं. दाखिल खारिज की निर्धारित समय सीमा 35 दिनों में म्यूटेशन होने को लेकर सरकार की ओर से तरह-तरह के कवायद के बावजूद तय समय में निष्पादन कम हो रहा है. नतीजा पेंडिंग आवेदनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. दाखिल खारिज की मौजूदा ऑनलाइन प्रक्रिया के बावजूद समय सीमा का पालन नहीं किया जा रहा है. म्यूटेशन करानेवाले के रसूखदार होने पर काम में दिलचस्पी दिखायी जाती है या फिर अधिकारियों में ऊपरी पहुंच वाले भी काम कराने में सफल होते हैं. अन्यथा सीओ कार्यालय का कई दफे चक्कर लगाने पर भी किसी-न-किसी तरह का बहाना बना कर आवेदन रिजेक्ट किया जाता है. अगर काम कराना जरूरी है, तो रास्ते बदलने पड़ते हैं.

फुलवारीशरीफ में सबसे ज्यादा लंबित मामले :

पटना जिले में फुलवारीशरीफ अंचल म्यूटेशन के लंबित आवेदनों के मामले में पहले नंबर है, जबकि पटना सदर अंचल दूसरे नंबर पर है. फुलवारीशरीफ अंचल में म्यूटेशन के 35 दिनों से अधिक समय से लंबित आवेदनों की संख्या 6400 से अधिक है, जबकि पटना सदर अंचल में 6300 से अधिक मामले लंबित हैं. पटना सदर के बाद फुलवारीशरीफ, दानापुर, संपतचक व बिहटा इलाके में हो रहे अधिक विकास को लेकर जमीन की खरीद-बिक्री अधिक हो रही है. इस वजह से बिहटा, संपतचक, दानापुर में म्यूटेशन के लिए जमा होनेवाले व पेंडिंग आवेदनों की संख्या अधिक है.

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