Poisonous liquor scandal in Bihar : शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब से मौत हो रही है. इस बार जिला सिवान के बाला गांव में कोहराम मचा है, सिवान में जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हुई है. कई लोगों का इलाज अभी अस्पताल में चल रहा है. मौत की संख्या बढ़ भी सकती है. अपनों को गंवा चुके लोग प्रशासन और पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लेकिन इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है. वहीं अब इस मामले में पीड़ित की मां ने बड़ा खुलासा किया है.
Bihar Poisonous liquor Case : शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर मचाया है. सीवान में पिछले 24 घंटों में जहरीली शराब पीने से 7 की मौत हो गई है, वहीं एक मौत गोपालगंज में भी हुई है. 8 लोगों की मौत (Death In Siwan After Drinking Poisonous Liquor) के बाद मृतकों के गांव में कोहराम मच गया है. जो लोग बीमार हैं, वो अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं तो कई लोगों को अपने आखों की रोशनी खो जाने का खौफ है. उन्हें ठीक से दिखाई भी नहीं दे रही है. ये सब हुआ है 50 रुपये में खरीदकर पी गई जानलेवा शराब से. दुख में डूबे परिजन कहते हैं- ‘गांव में धड़ल्ले से पाउच बिकता है, कोई देखने वाला नहीं है’.
“50 रुपये में पोलोथिन मिलता है. जिसमे स्पिरिट होता है. खरीद कर पिया था रात को, बेचने वाला शराब खुलेआम बेचते हैं, जिसका नाम मंटू बीन है पिता का नाम मुन्नी राउत है, नबीगंज के बाला गांव में धड़ल्ले से शराब बिकता है, प्रशासन बेखबर है”– ज्ञानती देवी, जितेंद्र मांझी की मां
मां बोली शराब पीकर आया था घरः :
आपको बता दें कि अस्पताल में भर्ती जितेंद्र मांझी को जहरीली शराब पीने के बाद आंख से धुंधला दिखने की शिकायत पर यहां लाया गया था. उसकी मां ज्ञानती देवी ने बताया कि रविवार की रात उसका पुत्र शराब पीकर आया था, जब सुबह उठा तो बताया कि आंख से नहीं दिख रहा है. शराब से मृत हुए लोगों के परिजनों का भी यही कहना है कि आंख से दिखाई नहीं दे रहा था. शराब पीकर घर आए थे, तभी रात में अचानक बीमार पड़ गए तो आनन-फानन में सिवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां नरेश बीन, जनक प्रसाद, रमेश रावत, सुरेन्द्र मांझी और लछन देव राम की मौत हो गई.
प्रशासन ने कुछ भी कहने से इनकार किया :
स्थानीय लोगों ने जहरीली शराब पीने की बात कही है. प्रशासन ने अभी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है. परिजन को मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है। पूरे गांव में अफरातफरी का माहौल है.
सीवान के DM अमित कुमार पांडे का कहना है कि अभी कुछ नहीं कह सकते हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. आखिर इतने लोगों की मौत क्यों हो रही है और तबीयत क्यों खराब है, यह जांच का विषय है. घटना के बाद सीवान सदर अस्पताल और बाला और भोतपुर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं.
अब तक 16 गिरफ्तार, DIG जांच करने पहुंचे :
इधर, सीवान मामले पर ADG जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शराब बनाने के लिए कोलकाता से सैनिटाइजर बनाने के नाम स्प्रिट मंगाई गई थी. इसे 18 जनवरी को मुजफ्फरपुर के ट्रांसपोर्टर के माध्यम से लाई गई थी. अब तक कुल 4 लोगों की मौत हुई है. 7 का इलाज चल रहा है. सारण के DIG मौके पर जांच करने पहुंच गए हैं.
जहरीली शराब से मरने वाले :
- सुरेंद्र रावत (30)
- नरेश रावत (42)
- घुरेधर मांझी (37)
- जनकदेव रावत (30)
- राजेश रावत (25)
- जितेंद्र मांझी (18)
- राजू मांझी (35)
- नारायण साह(55), जिला-गोपालगंज
छपरा में 75 लोगों की हुई थी मौत :
आपको बता दें कि जहरीली शराब से मौत का ये मामला कोई नया नहीं है, बिहार में जब से शराबबंदी हुई तब से लोग चोरी छिपे शराब पी ही रहे हैं, गरीब तबके के लोग जहरीली शराब भी पी जाते हैं. जिससे उनकी मौत तक हो जाती है या आखों की रोशनी चली जाती है. बिहार में जहरीली शराब से मौत का सबसे बड़ा उदाहरण गोपालगंज के खजूरबानी जहरीली शराबकांड जिसमें 19 लोगों ने अपनी जान गंवाईं थी और हाल ही में हुए छपरा जहरीली शराब कांड है, जिसमें 75 लोगों की मौत हुई थी. घटना के बाद पुलिस चौकन्ना होती है और फिर छापेमारी और संस्पेंड की कार्रवाई करके मामला शांत हो जाता है. उसके बाद कहीं और यही घटना दोहराई जाती है, लेकिन सरकार और प्रशासन आज तक जहरीली शराब पर रोक नहीं लगा पाई.