Sahara India Case: कभी देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार रही सहारा इंडिया Sahara India Case में एक समय देश के करोड़ों लोगों ने निवेश किया था. लेकिन कंपनी के कामकाज में पारदर्शिता ना होने और वित्तीय अनियमितताओं के चलते इसमें कई लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा फंस गया था. मोटा रिटर्न पाने के लालच में लोगों ने सहारा (Sahara India Case) की कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया. लेकिन मैच्योरिटी पर इन कंपनियों ने निवेशकों को पैसा देने के बजाय ठेंगा दिखा दिया. अब ये जिंद एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है और फिर सहारा सेबी विवाद (Sahara India Case) सुर्खियों का हिस्सा है.
सहारा इंडिया (Sahara India Case) में लाखों लोगों के पैसे फंसे हुए हैं. सरकार की तरफ से पिछले काफी समय से निवेशकों का पैसा वापस दिलाने की कोशिशें चल रही हैं. पिछले दिनों सरकार की तरफ वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) ने भी सदन में बयान दिया था.
वहीँ सहारा इंडिया ने कहा हैं की भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास सहारा इंडिया Sahara India Case के 25 हजार करोड़ रुपये रखे हैं. इसके बावजूद पिछले नौ साल में सेबी ने निवेशकों को महज 125 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है. लिहाजा सेबी को निवेशकों के हित में भुगतान करना चाहिए या फिर यह धनराशि सहारा इंडिया परिवार को लौटा देना चाहिए जिससे हम निवेशकों का भुगतान कर सकें। ये बातें सोमवार को बयान जारी कर सहारा इंडिया परिवार ने कही.
सहारा इंडिया का कहना है कि वर्तमान स्थिति का सहारा भी उतनी ही शिकार है, जितना उसके निवेशक. बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सहारा ने 25 हजार करोड़ रुपये ब्याज समेत सहारा-सेबी खाते में जमा करवाए हैं. यह धन नौ साल से सेबी के पास व्यर्थ पड़ा है. वहीं, प्रतिबंध होने के कारण सहारा अपनी संपत्ति बेचकर या गिरवी रखकर निवेशकों को सीदे भुगतान हीं कर सकता है. उधर, सेबी ने मार्च 2018 में घोषणा की थी कि वह जुलाई 2018 के बाद किसी भी निवेशक को कोई भुगतान नहीं करेगा. सेबी का यह कृत्य निवेशकों के हितों के खिलाफ है.
बयान में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 05 दिसंबर 2012 केआदेशानुसार सेबी ने 25 हजार करोड़ रुपये की इस धनराशि ने न तो निवेशकों को भुगतान किया और न ही सहारा को यह धनराशि वापस की है. इन सबके बावजूद सहारा निवेशकों को भुगतान कर रहा है, लेकिन इसमें विलंब हो रहा है. सेबी को चाहिए कि वह पूरी धनराशि सहारा को लौटा दे या निवेशकों को तत्काल भुगतान करना शुरू कर दे. क्योंकि निवेशकों का 44 सालों से सहारा पर पूरा भरोसा है, इस पर कभी कोई विवाद नहीं हुआ.
उपलब्ध कराए दस्तावेजों में रिकॉर्ड ट्रेस नहीं हो रहा…
इस दौरान वित्त राज्यमंत्री ने कहा था कि सेबी (SEBI) को 81.70 करोड़ रुपये के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट / पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले हैं. सरकार ने यह भी बताया था कि शेष आवेदन का SIRECL और SHICL द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में रिकॉर्ड ट्रेस नहीं हो पा रहा.
निवेशकों के 25,000 करोड़ रखने का आरोप:
अब सहारा (Sahara India Case) ने फिर से सेबी (SEBI) पर निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये रखने का आरोप लगाया है. इससे पहले भी सहारा की तरफ से यह बात कही गई है. सहारा ने पत्र में लिखा कि वह (सहारा) भी सेबी से पीड़ित है. हमसे दौड़ने के लिए कहा जाता है लेकिन हमें बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया है.