महंगाई की चिंता: Home and Auto Loans Rate Inrease
- रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं यह 3.35 प्रतिशत पर बरकरार
- वर्ष 2018 के बाद पहली बार बढ़ाई गई है ब्याज दर, होम लोन से लेकर आटो लोन होंगे महंगे
- पहले से कर्ज लेने वालों पर भी पड़ेगा असर, बढ़ सकती है ईएमआइ
- महंगाई पर केंद्रीय बैंक ने जो सोचा था, अब स्थिति उससे ज्यादा गंभीर
Home and Auto Loans Rate Inrease: महंगाई को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने बुधवार को अप्रत्याशित कदम उठाया। केंद्रीय बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में 40 आधार अंक की वृद्धि Home and Auto Loans Rate Inrease की है। इसका सीधा असर होम से लेकर आटो लोन तक की ईएमआइ पर पड़़़ेगा और इसमें वृद्धि Home and Auto Loans Rate Inrease हो सकती है। नकद आरक्षित अनुपात में 50 आधार अंक की वृद्धि की गई है और यह 4.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
आरबीआइ गवर्नर डा. शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बिना तय कार्यक्रम के हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। पिछले महीने की आठ तारीख को ही एमपीसी की बैठक हुई थी जिसमें महंगाई को लेकर चिंता जताई गई थी। एक महीने के भीतर ही दूसरी बैठक बुलानी पड़ेगी, इस बात की उम्मीद किसी को नहीं थी। एमपीसी की अगली बैठक आठ जून को होनी है और विश्लेषकों का कहना है कि उस समय भी रेपो रेट में 25 आधार अंक की वृद्धि Home and Auto Loans Rate Inrease हो सकती है।
बैंकों के खुदरा कर्ज की दरों को तय करने वाले रेपो रेट (वह दर जिस पर बैंक आरबीआइ से अल्पकालिक जरूरतों के लिए कर्ज लेते हैं) को चार प्रतिशत से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया है। अगस्त, 2018 के बाद पहली बार इसमें वृद्धि हुई है। मार्च-अप्रैल, 2020 में कोरोना महामारी के आर्थिक दुष्प्रभाव को काटने के लिए रेपो रेट में 75 आधार अंकों (0.75 प्रतिशत) की कटौती की गई थी। इस वजह से देश में आटो लोन, होम लोन व अन्य लोन पिछले दो दशक के न्यूनतम स्तर पर आ गए थे। अब इन कर्ज की दरों में धीरे धीरे वृद्धि होनी तय है। जिन ग्राहकों ने पहले से कर्ज ले रखा है उनकी मासिक किस्त भी बढ़ेगी। कुछ बैंकों ने हाल ही में कर्ज की दरों में कुछ वृद्धि भी की है लेकिन अब अधिकांश बैंकों का होम लोन व आटो लोन महंगा हो जाएगा।
बिना तय कार्यक्रम के बुलाई गई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में हुआ रेपो रेट बढ़ाने का फैसला: Home and Auto Loans Rate Inrease
- नकद आरक्षित अनुपात भी 50 आधार अंक की वृद्धि के साथ 4.5} हुआ
- बैंकिंग सिस्टम से निकलेंगे 87,000 करोड़ रुपये, कर्ज कम बांटे जाएंगे
- पिछले महीने बैठक में केंद्रीय बैंक ने महंगाई की स्थिति पर जताई थी चिंता
शक्तिकांत ने आगे भी वृद्धि के दिए संकेत: Home and Auto Loans Rate Inrease
एमपीसी की तीन दिनों की बैठक के बाद लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए आरबीआइ गर्वनर डा. दास ने यह भी संकेत दिए कि यह वृद्धि अंतिम नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सिस्टम से अतिरिक्त लिक्विडिटी (नकदी) को कम करने के लिए समय-समय पर कदम उठाए जाएंगे। इस उद्देश्य से ही बुधवार को नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर (कुल जमा का एक हिस्सा आरबीआइ के पास जमा कराने संबंधी नियम) को 0.50} बढ़ाकर 4.50 प्रतिशत करने का फैसला हुआ है, जिससे बैंकिंग सिस्टम से 87 हजार करोड़ रुपये निकलेंगे। नई दर 21 मई, 2022 से लागू होगी।
पहले से स्थिति गंभीर हुई : डा. दास Home and Auto Loans Rate Inrease
डा. दास के बयान से साफ है कि महंगाई को लेकर एक महीने पहले केंद्रीय बैंक ने जो सोचा था, अब स्थिति उससे ज्यादा गंभीर हो गई है। उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद खाद्यान्न, ईंधन व अन्य जिंसों की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि और इस बारे में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट का भी हवाला दिया। आरबीआइ के गवर्नर ने मार्च-अप्रैल में पेट्रो उत्पादों की कीमतों में हुई वृद्धि का असर आने वाले दिनों में पड़ने की आशंका भी जताई। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि 2022-23 के लिए तय महंगाई दर के लक्ष्य 5.7 प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।