31 March Deadlines: मार्च का महीना आधा बीत चुका है, अब इस महीने केवल 12 दिन ही रह गए हैं। इसी के साथ कारोबारी साल 2021-22 खत्म हो जाएगा। बता दें कि 31 मार्च न सिर्फ वित्तीय वर्ष का आखिरी दिन होता है बल्कि यह कई वित्तीय कामों की भी डेडलाइन होती है। अगर इन वित्तीय कामों को समय पर पूरा नहीं किया जाता है तो अगले वित्त वर्ष में समस्या हो सकती है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ जरूरी कामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप 31 मार्च 2022 तक या उससे पहले निपटा लें।
1. आधार-पैन लिंकिंग डेडलाइन: 31 March Deadlines
आधार और पैन नंबर को लिंक (PAN-Aadhaar linking deadline) करने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2022 है। यदि आपने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो 31 मार्च से पहले आधार और पेन को लिंक करा सकते हैं। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो पैन नंबर अवैध हो जाएगा। ई-फाइलिंग वेबसाइट या UIDPAN को 567678 या 56161 पर भेज कर आप दोनों को लिंक कर सकते हैं। वहीं नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और UTIITSL के पैन सेवा केंद्रों के जरिए भी इसको ऑफलाइन लिंक किया जा सकता है।
2. विलंबित या संशोधित आईटीआर: 31 March Deadlines
कोविड-19 को देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की लास्ट डेट कई बार बढ़ाई गई। आयकर विभाग ने अंतिम बार इसकी डेडलाइन 31 दिसंबर, 2021 निर्धारित की थी। हालांकि अगर आप उस समय तक आईटीआर फाइल नहीं कर सके तो 31 मार्च, 2022 तक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। लेकिन विलंबित (Belated) आईटी रिटर्न दाखिल करते समय टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त करों के साथ जुर्माना भी देना होगा।
3. बैंक खाता KYC पूरा करने की अंतिम तिथि: 31 March Deadlines
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने केवाईसी को पूरा करने की समय सीमा को 31 दिसंबर, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दी है। आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों को चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक केवाईसी अपडेट (Bank KYC update) करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करने की सलाह दी है। KYC के तहत ग्राहकों से उसके पैन कार्ड, पता जैसे आधार, पासपोर्ट आदि को अपडेट कराने के लिए बैंक कहता है। इसके साथ ही हालिया फोटोग्राफ और अन्य जानकारी भी मांगी जाती है।
4. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए टैक्स सेविंग अभ्यास: 31 March Deadlines
यदि आपने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुना है तो आपने 31 मार्च, 2022 तक अपना टैक्स बचत अभ्यास पूरा कर लिया है, इसे सुनिश्चित कर लें। इसका मतलब यह होगा कि टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने सभी सेक्शन के तहत उपलब्ध डिडक्शन का लाभ उठाया है। नियम के मुताबिक, आम तौर पर उपलब्ध कटौती में धारा 80 सी में 1.5 लाख रुपये तक, एनपीएस योगदान के लिए धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये टैक्स लाभ, चिकित्सा बीमा प्रीमियम आदि पर 50,000 रुपये टैक्स लाभ शामिल हैं।
इनपुट: livehindustan.com