New Labour Law 2022 Explained : संसद ने हाल ही में नए श्रम कानून पारित किए, जिसके जरिए कर्मचारियों के वर्किंग ऑवर, पेड लीव और हर सेक्टर में बहुत कुछ बदलाव हो सकते हैं.
New Labour Law 2022 : केंद्र सरकार एक जुलाई 2022 से नए श्रम कानूनों (Labour Laws) को लागू कर सकती है. अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक रहता है, तो इन-हैंड सैलरी, वर्किंग ऑवर, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योगदान और एनुअल लीव में बड़े बदलाव हो सकते हैं. इस बात की चर्चा हो रही है कि नए श्रम कानूनों को अगले महीने लागू किया जा सकता है. हालांकि, अभी तक इस बाबत कोई ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. सरकार का मानना है कि इन कानूनों से देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
दरअसल, संसद ने हाल ही में नए श्रम कानून पारित किए, जिसके जरिए कर्मचारियों के वर्किंग ऑवर, पेड लीव और हर सेक्टर में बहुत कुछ बदलाव हो सकते हैं. संसद ने 29 कानूनों में सुधार किए हैं और इन्हें 4 नए कोड में शामिल कर दिया है. इसे भारत के श्रम कानूनों की यात्रा में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि ये भारतीय कंपनियों के लिए एक प्रगतिशील कदम हो सकता है. ऐसे में आइए समझते हैं कि अगर नए श्रम कानून भारत में लागू हो जाते हैं, तो कर्मचारियों और कंपनियों को क्या बदलाव देखने को मिलेंगे.
Working Hour, Week Off में क्या होंगे बदलाव : New Labour Law 2022
नए श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों को हफ्ते में पांच दिनों के बजाय चार दिन ही काम करना होगा. हालांकि, इन चार दिनों के दौरान कर्मचारियों को हर दिन 12 घंटे तक काम करना होगा. वर्तमान में एक दिन में सात से आठ घंटे ही काम करना होता है. श्रम मंत्रालय ने पहले ही इस बात को स्पष्ट कर दिया था कि जब भी नए कानून लागू होंगे, कर्मचारियों को हफ्ते में 48 घंटे काम करने के नियम का पालन करना होगा. हालांकि, हफ्ते में चार दिन काम करने का मतलब है कि लोगों को सप्ताह में तीन दिन की छुट्टियां मिलेंगी.
New Labour Law में सैलरी का नियम : New Labour Law 2022
अगर कर्मचारियों के दृष्टिकोण से समझें तो श्रम कानून के लागू होना उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. दरअसल, इसके लागू होते ही इन-हैंड सैलरी (New Labour Law Salary Structure) में कटौती होगी, जो एक लिहाज से कर्मचारियों के लिए छोटी अवधि में घाटे का सौदा साबित होता है. हालांकि, अगर इसका दूसरा पहलू समझा जाए, तो वो लंबी अवधि में फायदे वाला साबित होता है. नए नियमों के तहत कंपनियों को भविष्य निधि में अधिक पैसा जमा कराने की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी. नए नियमों के प्रावधान के मुताबिक, कर्मचारियों की ग्रॉस सैलरी 50% होनी चाहिए. इसके कर्मचारी और कंपनी का पीएफ योगदान बढ़ जाएगा.
Annual Leave Rules in New Labour Law : New Labour Law 2022
सरकार ने नए श्रम कानूनों में इस बात का भी ख्याल रखा है कि एक कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान छुट्टियों का लाभ भी उठा सके. पुराने कानून के तहत एनुअल लीव के लिए एक साल में कम से कम 240 वर्कडेज के लिए काम करना जरूरी होता था. लेकिन नए नियमों के तहत इसे घटा दिया गया है और अब 180 दिन काम करने के बाद एनुअल लीव ली जा सकेगी. आसान भाषा में समझें तो आप अगर किसी कंपनी में नए भर्ती हुए हैं, तो आपको पहले 240 दिन काम करना होता था. इसके बाद आप एनुअल लीव के लिए एलिजिबल होते थे. लेकिन अब सिर्फ 180 दिन यानी तीन महीने काम करने के बाद ही एनुअल लीव ली जा सकेगी.