MBBS Internship Rule: विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई कर लौटने वाले छात्रों को भारत में इंटर्नशिप के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से 7.5% सीटे प्रदान की जाएगी। वही देश में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों को उन्हीं कॉलेजों में इंटरशिप MBBS Internship Rule करनी होगी जहां हुए पढ़ाई कर रहे हैं।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग एनएमसी ने कहा है कि इस साल एमबीबीएस के छात्रों के लिए शुरू की जा रही अनिवार्य आवर्ती मेडिकल इंटरशिप MBBS Internship Rule के तहत विदेशों से पढ़कर आने वाले भारतीय छात्रों को 7.5 फ़ीसदी सीटें प्रदान की जाएगी। वहीं भारत में पहले पढ़ रहे छात्रों को उसी कॉलेज में इंटर्नशिप करनी होगी।
इसकी गणना कॉलेज की कुल सीटों के आधार पर की जाएगी। एनएमसी की तरफ से जारी एक दस्तावेज के अनुसार, देश में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों को उन्हीं कॉलेजों में इंटर्नशिप MBBS Internship Rule करनी होगी जहां वह पढ़ रहे हैं। लेकिन विदेशी छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेजों को अलग से 7.5 फीसदी सीटों का प्रावधान करना होगा।
दस्तावेज में कहा गया है कि इंटर्नशिप MBBS Internship Rule की अवधि 12 महीने की होगी और इसे सफलतापूर्वक करने के बाद ही मेडिकल छात्रों को प्रैक्ट्रिस के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। यदि इस दौरान छात्रों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा तो उन्हें एक और मौका दिया जाएगा, लेकिन किसी भी रूप में दो साल के भीतर इसे पूरा करना होगा। इंटर्नशिप के दौरान सभी छात्रों को तय नियमों के तहत एक राशि का भुगतान करना होगा जो अधिकतम एक साल के लिए होगा।
इसका मतलब यह है कि कोई छात्र एक साल में इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाता है तो दूसरे साल उसे बिना भुगतान के इंटर्नशिप करनी होगी। इस दौरान छात्रों को सामान्य छुट्टियां, चिकित्सा अवकाश, मातृत्व एवं पितृत्व अवकाश भी प्रदान किये जाएंगे।