Junior Engineers Result Cancelled: पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में सरकारी पालीटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमाधारियों को 40 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देकर निकाले गए परिणाम को रद कर दिया है। कोर्ट ने बिहार सरकार की तरफ से की जा रही जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति को भी तत्काल प्रभाव से रोकने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने पुन: मेधा-सूची तैयार करने का आदेश दिया है।
विनीत कुमार एवं अन्य मामले में निर्णय देते हुए खंडपीठ ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा निकाले गए विज्ञापन संख्या 01/2019 के परिणाम समेत इसके अंतर्गत निकाली गई सभी नियुक्तियां रद कर दी हैं। विज्ञापन के तहत जूनियर इंजीनियरों के 6,379 पदों पर नियुक्ति होनी थी।
बिहार तकनीकी सेवा आयोग में साल 2019 में विज्ञापन के जरिए 6,379 जूनियर इंजीनियरों की बहाली प्रक्रिया शुरू की थी। राज्य सरकार ने इसमें 40 प्रतिशत का आरक्षण उन अभ्यर्थियों के लिए रखा था, जिन्होंने राजकीय पालीटेक्निक से डिप्लोमा किया था। आरक्षण वाले इस बिंदु को लेकर पटना हाई कोर्ट में परीक्षा परिणाम को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने सरकारी कालेज के अभ्यर्थियों को 40 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था को गलत मानते हुए पुराने परिणाम को रद कर दिया। खंडपीठ ने तीन मार्च को ही इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के आदेश के तहत राज्य सरकार को फिर से मेधा-सूची तैयार करनी होगी। अब नए सिरे से काउंसिलिंग की प्रक्रिया होगी। उसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी ।
पटना हाई कोर्ट ने रखी थी शर्त: Junior Engineers Result Cancelled
यह मामला पहले भी कोर्ट में था और उस दौरान कोर्ट ने इस शर्त के साथ बहाली प्रक्रिया को जारी रखने का निर्देश दिया था कि जब आरक्षण के बिंदु पर पूरा फैसला आएगा वही अंतिम तौर पर लागू होगा। याचिकाकर्ता की वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने आरक्षण के विरोध में तर्क देते हुए कहा कि इस प्रकार से बनाया गया नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 (4) का उल्लंघन है।