Bihar Teacher Recruitment : शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, शिक्षा मंत्री ने कहा -‘आयोग के जरिए होगी 7वें चरण की शिक्षक नियुक्ति’.

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Bihar Teacher Recruitment : बिहार सरकार शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है, सातवें चरण के तहत शिक्षकों की नियुक्ति आयोग के माध्यम से करेगी। नियुक्ति को लेकर तैयारियों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. नई नियुक्ति नियमावली के आधार पर ही होगी.

Bihar Teacher Recruitment : बिहार सरकार सातवें चरण के तहत शिक्षकों की नियुक्ति आयोग के माध्यम से करेगी। नियुक्ति को लेकर तैयारियों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। नई नियुक्ति नियमावली के आधार पर ही होगी। 7वें चरण के तहत तकरीबन सवा दो लाख शिक्षक बहाल होने हैं। इनमें 80 हजार प्रारंभिक शिक्षक हैं जबकि शेष शिक्षक माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त होंगे। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने शुक्रवार को खुद ट्वीट कर 7वें चरण की बहाली प्रक्रिया जल्द आरंभ होने की जानकारी दी।

सरकार शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस लिया जाएगा। पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीयकृत एवं निष्पक्ष आयोग से कराने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि प्रस्तावित नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी।

अब अभ्यर्थियों को केवल एक आवेदन करना होगा। इसी में वे स्कूलों में पदस्थापन का विकल्प रखेंगे, जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने को मजबूर होता था। शिक्षक संगठनों तथा अभ्यर्थियों ने सरकार तथा शिक्षा मंत्री से इस संबंध में गुहार लगाई थी। शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2020 में कई महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई जा रही है। नयी नियमावली को मंजूरी के लिए शीघ्र कैबिनेट में भेजा जाएगा। इसी के आधार पर सातवें चरण में शिक्षकों की भर्ती होगी।

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मेधा सूची कैसे बनेगी :

पुरानी नियुक्ति नियमावली में मेधा अंक की गणना नियोजन इकाई द्वारा मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षण में प्राप्त अंकों के प्रतिशत एवं पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के वेटेज के आधार पर होती थी। नई नियमावली में भी लगभग वही व्यवस्था बनी रहेगी और मेधा अंक के आधार पर आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा।


फायदा क्या :

पहले नियुक्ति हेतु चयन की अनुशंसा नियोजन इकाई द्वारा की जाती थी, परंतु नई व्यवस्था के तहत नियुक्ति हेतु चयन की अनुशंसा प्रस्तावित आयोग द्वारा किया जाएगा। अलवत्ता चयनित अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण जिला प्रशासन करेगा। केंद्रीयकृत और ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की जा रही है। आवेदकों को केवल एक आवेदन देना होगा। जबकि उनकी उम्मीदवारी उनके दिए गए विकल्पों के अनुसार सभी जगह होगी। इससे आवेदकों के धन एवं श्रम की बचत भी होगी।

चार के बदले एक नियोजन नियमावली :

वर्तमान में चार नियमावलियों के तहत शिक्षकों के नियोजन में चार प्रकार के प्रावधान थे। इसमें जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली, बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली, बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली तथा बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली थी। नयी नियमावली में केवल एक प्रावधान होगा, जो सभी प्रकार के शिक्षकों पर लागू होगा। यानी, प्रारंभिक शिक्षकों से लेकर उच्च माध्यमिक तक के शिक्षकों, पुस्तकालयध्यक्षों, प्रयोगशाला सहायकों, अनुदेशकों की नियुक्ति के लिए एक ही नियमावली होगी।

विशेष शिक्षक व सहायकों की भी नियुक्ति:

पहले की नियमावली में विशेष शिक्षक तथा प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं था। नयी नियमावली में इसका प्रावधान प्रस्तावित है। पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के स्तर पर गठित अलग-अलग नियुक्ति प्राधिकार व अनुशासनिक प्राधिकार का गठन किया गया था। नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में जिला स्तर पर एक ही स्थानीय निकाय नियुक्ति प्राधिकार व अनुशासनिक प्राधिकार का गठन होगा।

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राजपत्रित अधिकारी होंगे नियोजन समिति के अध्यक्ष:

पुरानी नियमावली में सभी नियोजन इकाइयों के अध्यक्ष को नियोजन समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। अब जिला स्तरीय राजपत्रित पदाधिकारी को समिति का अध्यक्ष बनाने की योजना है। नई नियमावली के बाद शिक्षकों का पद जिला स्तर का संवर्ग हो जाएगा जबकि पुरानी नियमावली में विषयवार एवं नियोजन इकाई वार अलग-अलग संवर्ग था।

पुरानी परेशानियों को भी किया गया है दूर :

पुरानी नियुक्ति नियमावली के तहत शिक्षकों का संवर्ग विभिन्न नियोजन इकाई के अंतर्गत ही होता था। इससे जिला के अंतर्गत विभिन्न नियोजन इकाई में भी स्थानांतरण में कठिनाई होती थी। यही नहीं आरक्षण रोस्टर से लेकर पद की रिक्तता संबंधी कई व्यावहारिक कठिनाइयां उत्पन्न होती थीं। लेकिन नई नियुक्ति नियमावली में जिला स्तरीय संवर्ग होगा। इससे बेहतर सेवा शर्त और शिक्षा विभाग का प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा। पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली में मात्र वेतन संरक्षण का प्रावधान था, जबकि नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का स्पष्ट प्रावधान होगा।

क्यों पड़ी जरूरत :

पुरानी नियोजन नियमावली के तहत एक चरण के नियोजन में ही ढाई से तीन साल लग रहे थे। इसके बाद भी बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जा रहे थे। यही नहीं नियोजन में कई तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही थीं।

और क्या-क्या होगा :

नई नियुक्ति नियमावली के तहत शैक्षणिक प्रशासन को पारदर्शी बनाने एवं शिक्षक, पुस्तकालयध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक व अनुदेशकों के सेवा संबंधित विषयों यथा अवकाश स्वीकृति, वेतन भुगतान, वेतन वृद्धि, प्रोन्नति एवं अन्य मामलों की तत्परता से निष्पादन के लिए वेब पोर्टल बनेगा।

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