Toy Industry: टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी शरद कपूर ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा, पीएम मोदी ने देश में खिलौना उद्योग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहित कर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया है. पहले चीन के 90 परसेंट तक खिलौने देश में खपते थे. लेकिन अब अधिकांश खिलौने देश में बनते हैं.
Toy Industry: केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India) अभियान से देश के खिलौना उद्योग (Toy Industry) को बड़ी बढ़त मिली है. पहले की तुलना में देश में बने खिलौनों का निर्यात बढ़ा है. इस बढ़त के लिए खिलौना उद्योग में लगी कंपनियों और उद्योग संघ ने सरकार की तारीफ की है. ऐसा देखा जा रहा है कि खिलौनों का आयात घटने से देश में इस उद्योग को फलने-फूलने का मौका मिला है. अब खिलौनों का आयात घटा है और निर्यात में बड़ी वृद्धि हुई है. पहले बड़े स्तर पर चीन जैसे देशों से खिलौने का आयात होता था. अब स्थिति उलट है और निर्यात में तेजी देखी जा रही है. इससे देसी बाजार और देसी कारोबार दोनों को फायदा हुआ है. देश में आए इस बड़े बदलाव और प्रोत्साहन के लिए टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है.
टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी शरद कपूर ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा, पीएम मोदी ने देश में खिलौना उद्योग को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहित कर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया है. पहले चीन के 90 परसेंट तक खिलौने देश में खपते थे. लेकिन अब अधिकांश खिलौने देश में बनते हैं. खुशी की बात ये है कि अब विदेशों से भी खिलौने का ऑर्डर मिलता है.’
सरकारी की तारीफ में कुछ ऐसी ही बातें दिल्ली के खिलौना निर्माता राजीव बत्रा ने कही. देश में ही खिलौना बनाने के लिए केंद्र सरकार प्रोत्साहन दे रही है. आज के समय में 80 फीसद से अधिक खिलौने देश में ही बन रहे हैं. सरकार के समर्थन से हमें बहुत मदद मिल रही है. सरकार हमें कई तरह के इंसेंटिव दे रही है जिससे खिलौना उद्योग को बढ़ने का मौका मिल रहा है.
क्या कहता है आंकड़ा
पिछले तीन वर्षों में खिलौना आयात में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. एचएस कोड 9503, 9504 और 9503 के लिए भारत में खिलौनों का आयात वित्त वर्ष 2018-19 के 371 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 110 मिलियन डॉलर रहा जो 70.35 प्रतिशत की कमी दिखाता है. एचएस कोड 9503 के लिए, खिलौना आयात में और तेजी से कमी आई है जो वित्त वर्ष 2018-19 के 304 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान घट कर 36 मिलियन डॉलर पर आ गया.
इसके अतिरिक्त, इसी अवधि के दौरान निर्यात में 61.38 प्रतिशत का उछाल देखा गया है. एचएस कोड 9503, 9504 और 9503 के लिए खिलौना निर्यात वित्त वर्ष 2018-19 के 202 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 326 मिलियन डॉलर रहा जो 61.39 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाता है. एचएस कोड 9503 के लिए, खिलौना निर्यात बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 के 109 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बढ़ कर 177 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
क्या कहा डीपीआईआईटी ने
डीपीआईआईटी अपर सचिव अनिल अग्रवाल ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 2-5 जुलाई 2022 तक आयोजित टॉय बिज बी2बी ( बिजनेस टू बिजनेस) अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के 13वें संस्करण के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगस्त 2020 में ‘मन की बात’ के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ‘भारतीय खिलौना स्टोरी की रिब्राडिंग’ की अपील की थी और घरेलू डिजाइनिंग को मजबूत बनाने और भारत को खिलौनों के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में बनाने के लिए बच्चों के लिए सही प्रकार के खिलौनों की उपलब्धता, खिलौनों का उपयोग सीखने के संसाधन के रूप में करने, भारतीय मूल्य प्रणाली, भारतीय इतिहास और संस्कृति पर आधारित खिलौनों की डिजाइनिंग करने पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि उद्योग को सरकार की कई सारी युक्तियों से लाभ पहुंचा है और इसके नतीजे मेक इन इंडिया प्रोग्राम की सफलता दिखाती है. उन्होंने यह भी कहा कि आयात मुख्य रूप से खिलौनों के कुछ कंपोनेंट तक सीमित रह गए.