Swiggy IPO: फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी अगले साल अपने आईपीओ (IPO) के जरिये 80 करोड़ डॉलर जुटाने पर विचार कर रही है। निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिस्पर्धी कंपनी जोमैटो (Zomato) की मुश्किलों के बीच मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए फंड जुटाने की उम्मीद में कंपनी ने ये तैयारियां शुरू की हैं। रिपोर्ट कहती है कि कंपनी की खुद को एक लॉजिस्टिक्स कंपनी के रूप में स्थापित करने की योजना है, न कि सिर्फ फूड डिलिवरी फर्म के रूप में।
Swiggy IPO हाल में डेकाकॉर्न बनी है स्विगी:
स्विगी (Swiggy) हाल में 10.7 अरब डॉलर की वैल्युएशन के साथ 70 करोड़ डॉलर जुटाकर डेकाकॉर्न बन गई थी। डेकाकॉर्न 10 अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाली कंपनियों को कहते हैं। इस प्रकार छह महीनों में ही कंपनी की वैल्युएशन लगभग दोगुनी हो गई है और कंपनी की यह वैल्युएशन जोमैटो से ज्यादा है। इससे पहले स्विगी (Swiggy) ने जुलाई, 2021 में हुए पिछले फंडिंग राउंड में, 5.5 अरब डॉलर की वैल्युएशन के साथ सॉफ्टबैंक विजन फंड 2, प्रोसस, एक्सेल और वेलिंगटन से 1.25 अरब डॉलर जुटाए थे। उनसे अप्रैल, 2020 मे 3.6 अरब डॉलर की वैल्युएशन पर फंड जुटाया था।
Swiggy IPO निवेश राउंड में इन इनवेस्टर्स लिया था भाग:
70 करोड़ डॉलर के निवेश राउंड में बैरोन कैपिटल ग्रुप, सुमेरु वेंचर, आईआईएफएल एएमसी लेट स्टेट टेक फंड, कोटक, एक्सिस ग्रोथ अवेन्यूज एआईएफ-1, सिक्सटीन स्ट्रीट कैपिटल, घिसैलो, स्माइल ग्रुप और सेगांटी कैपिटल जैसे नए इनवेस्टर्स ने भाग लिया था। इस राउंड में मौजूदा इनवेस्टर्स अल्फा वेव ग्लोबल (पूर्व नाम फाल्कन एज कैपिटल), कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी और एआरके इम्पैक्ट के साथ ही लॉन्ग टर्म इनवेस्टर प्रोसस ने भी भाग लिया था।
Swiggy IPO जोमैटो सहित कई न्यू एज टेक स्टॉक्स पर है प्रेशर:
स्विगी (Swiggy) की IPO के लिए फंडरेजिंग और वैल्युएशन बढ़ने की खबर ऐसे समय में आई थी, जब उसकी प्रतिस्पर्धी जोमैटो (Zomato) का मार्केट कैपिटलाइजेशन बीते साल जुलाई में स्टॉक मार्केट में आगाज के बाद खासा कम हुआ है। इसी प्रकार, हाल में लिस्ट हुई पेटीएम (Paytm), न्याका (Nykaa) जैसे न्यू एज टेक स्टॉक्स की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
देश में कोविड के चलते लॉकडाउन से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 फूडटेक प्लेटफॉर्म स्विगी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 27 फीसदी गिरावट के साथ 2,547 करोड़ रुपये रह गया था, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में यह 3,468 करोड़ रुपये रहा था।
Source: moneycontrol.com