Petrol Diesel Prices Down : भारत रूस से 70 डॉलर प्रति बैरल से कम कीमत पर तेल खरीदना चाहता है. भारत की सरकारी रिफाइनरी एक महीने में लगभग 1.5 मिलियन बैरल तेल ले सकती हैं. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) और नायरा एनर्जी (Nayara Energy) जैसी निजी रिफाइनरी आमतौर पर व्यक्तिगत रूप से अपना फीडस्टॉक खरीदती हैं.
Petrol Diesel Prices Down : अगले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Prices) में कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है। भारत रूस से 70 डॉलर प्रति बैरल से कम कीमत पर तेल खरीदना चाहता है। दोनों देशों के बीच इसे लेकर बातचीत चल रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि भारत ओपेक+ (OPEC+) देशों के साथ डील के जोखिम की भरपाई में यह डिस्काउंट चाहता है। दोनों देशों और दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक की निजी रिफाइनरीज ने यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद से रूस (Russia) से 40 मिलियन बैरल से अधिक कच्चा तेल खरीदा है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह पूरे 2021 में रूस से भारत आए तेल से 20 फीसद अधिक है।
अपनी तेल जरूरत का 85 फीसद से अधिक आयात करता है भारत :
भारत अपनी तेल की जरूरत का 85 फीसद से अधिक आयात करता है। वहीं, रूस के लिए कच्चा तेल उसके राजस्व के लिए एक प्रमुख स्रोत है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोपीय मांग कम हो जाने से रूस के तेल उद्योग पर गंभीर असर पड़ा है। रूस की सरकार का अनुमान है कि इस साल तेल उत्पादन में 17 फीसद तक की गिरावट आ सकती है।
लेकिन इसे लेकर कुछ चुनौतियां भी :
भारत में रूसी तेल के प्रवाह पर प्रतिबंध नहीं हैं, लेकिन समुद्री बीमा जैसे क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को कड़ा करने और अमेरिका द्वारा भारत पर दबाव बनाने के चलते व्यापार में कुछ चुनौतियां भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक भारी छूट वाले तेल प्राप्त करने के अवसर के चलते रूस के साथ अपने संबंधों को कम करने के पश्चिमी प्रोत्साहन का विरोध किया है। भारत रूसी हथियारों के आयात पर भी अत्यधिक निर्भर है।
निजी रिफाइनरीज को होगा अधिक फायदा :
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सरकारी रिफाइनरी एक महीने में लगभग 1.5 मिलियन बैरल तेल ले सकती हैं। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) और नायरा एनर्जी (Nayara Energy) जैसी निजी रिफाइनरीआमतौर पर व्यक्तिगत रूप से अपना फीडस्टॉक खरीदती हैं। रूस अगर कीमतों में छूट पर तेल देने को राजी होता है, तो देश की निजी रिफाइनरीज को भी काफी फायदा होगा।
महंगा हुआ कच्चा तेल :
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों की बात करें, तो बुधवार को इसमें तेजी देखने को मिली है। बुधवार रात ब्रेंट ऑयल (Brent Oil) 4.25 फीसद या 4.47 डॉलर की बढ़त के साथ 109.47 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड करता दिखाई दिया।