Import duty on Gold Hike : सरकार ने गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है. ज्वैलरी इंडस्ट्री ने सरकार के इस फैसले पर कहा कि इससे गोल्ड स्मगलिंग में फिर से तेजी आएगी. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है. ऐसे में यह करेंट अकाउंट डेफिसिट को बढ़ा रहा है.
Import duty on Gold : सरकार ने हाल ही में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी (Import duty on Gold) बढ़ाने का फैसला किया है. गोल्ड इंपोर्ट पर ड्यूटी 5 फीसदी बढ़कर 12.5 फीसदी कर दी गई है. इसके कारण भारत में गोल्ड और ज्वैलरी की कीमत में उछाल आएगा. माना जा रहा है कि इस फैसले से सोने का भाव (Gold price today) 1500-2000 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़ जाएगा. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है. सरकार के फैसले को लेकर आभूषण और उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि इससे तस्करी को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने सरकार से सोने पर शुल्क दर की समीक्षा करने का आग्रह किया. सोने के बढ़ते आयात और चालू खाते के घाटे (Current Account Deficit) पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पीली धातु पर आयात शुल्क को बढ़ाया है. यह फैसला 30 जून से प्रभावी है. बता दें कि गोल्ड इंपोर्ट पर 2.5 फीसदी का एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस अलग से लगता है.
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) के अध्यक्ष आशीष पेठे ने कहा, सोने के आयात शुल्क में अचानक बढ़ोतरी ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया है. हम भारतीय डॉलर के मुकाबले रुपए के संबंध में सरकार की स्थिति को समझते हैं. लेकिन यह बढ़ोतरी पूरे उद्योग को प्रभावित करेगा और इससे तस्करी को प्रोत्साहन मिल सकता है. उन्होंने कहा कि जीजेसी घरेलू उद्योग के पक्ष में स्थिति को सुलझाने के लिए सरकार के साथ बातचीत करेगी.
इंपोर्ट के कारण रुपए पर दबाव बढ़ता है :
विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि भारत में सोने की मांग ज्यादातर आयात के माध्यम से पूरी की जाती है, इस कारण कई बार भारतीय रुपए की विनिमय दर में गिरावट से कुछ समस्या बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ते व्यापार असंतुलन के बीच रुपए की विनिमय दर इस सप्ताह की शुरुआत में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि का उद्देश्य सोने के आयात को कम करना और रुपए पर वृहद आर्थिक दबाव को कम करना है. सोमसुंदरम ने कहा, हालांकि, सोने पर कुल कर अब 14 फीसदी से बढ़कर 18.45 फीसदी हो गया है और अगर यह कदम रणनीतिक या अस्थायी नहीं है तो इसके कारण सोने के बाजार पर दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और इससे कालीबाजारी बढ़ेगी.
तस्करी कम करने के लिए ही इंपोर्ट ड्यूटी घटाई गई थी :
मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के चेयरमैन अहमद एमपी ने कहा कि कर चोरी और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए हाल के दिनों में सोने पर आयात शुल्क कम किया गया था. उन्होंने कहा, ‘लेकिन आयात शुल्क में ताजा बढ़ोतरी से फिर से तस्करी को बढ़ावा मिलेगा. हम सरकार से सोने पर आयात शुल्क वृद्धि की समीक्षा करने का आग्रह करते हैं.’
अंतिम उपभोक्ता पर ज्यादा असर नहीं होगा :
पीएनजी जूलर्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा, ‘ऐसे समय में जब उद्योग सोने पर शुल्क कम करने पर जोर दे रहा था, पीली धातु के आयात पर शुल्क में पांच फीसदी की बढ़ोतरी आश्चर्यजनक है. उन्होंने कहा कि हालांकि इस बढ़ोतरी से अंतिम उपभोक्ता ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन व्यापार प्रभावित हो सकता है.