Home Loan EMI Calculator : रेपो रेट बढ़ने से होम लोन (Home Loan) महंगा हो गया है. आईये जानते हैं कि अगर आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया है, तो आपकी ब्याज दरें बढ़ने के बाद आपके लोन की EMI कितनी बढ़ जाएगी.
Home Loan EMI Calculation: देश में तेजी से बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने MPC की एक इमरजेंसी मीटिंग में रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) भी 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया है. रेपो रेट बढ़ने से होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) की ईएमआई (EMI) बढ़ गयी है.
वहीं रिजर्व बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों ने कर्ज महंगा करना शुरू भी कर दिया है. HDFC बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ICICI बैंक और IDBI बैंक ने अपने रेपो लिंक्ड लोन की दरों (RLLR) को 0.40 फीसदी बढ़ा दिया है. आइए Home Loan EMI Calculator से जानते हैं कि अगर आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया है, तो आपकी ब्याज दरें बढ़ने के बाद आपके लोन की EMI कितनी बढ़ जाएगी.
EMI का समझें कैलकुलेशन :
❍ मौजूदा EMI :
- लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये
- लोन टेन्योर: 20 साल
- ब्याज दर: 6.7% सालाना
- EMI: 22,722 रुपये
- कुल टेन्योर में ब्याज: 2,453,239 रुपये
- कुल पेमेंट: 5,453,239 रुपये
❍ दरें बढ़ने के बाद संभावित EMI
- लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये
- लोन टेन्योर: 20 साल
- ब्याज दर: 7.1% सालाना (0.40 फीसदी बढ़ने के बाद रेट)
- EMI: 23,439 रुपये
- कुल टेन्योर में ब्याज: 2,625,452 रुपये
- कुल पेमेंट: 5,625,452 रुपये
(नोट: यह कैलकुलेशन SBI होम लोन EMI कैलकुलेटर पर आधारित है.)
EMI, ब्याज में कितना इजाफा?
होम लोन EMI कैलकुलेशन से साफ है कि ब्याज दरों में 0.40 फीसदी इजाफा होने से आपकी EMI में 717 रुपये का इजाफा हो जाएगा. वहीं, अब अगर आपमे होम लोन की ब्याज दरें अगले 20 साल तक स्थिर रहती हैं, तो आपको पूरे टेन्योर में अब 172,213 रुपये ज्यादा ब्याज चुकाना होगा.
SBI समेत अधिकांश बैंक क्रेडिट स्कोर लिंक्ड लोन ऑफर कर रहा हैं. जिसकी शुरुआती ब्याज दर 6.7 फीसदी है. इसका मतलब यह कि जिस कस्टमर का क्रेडिट स्कोर जितना अच्छा होगा, उसके लिए होम लोन उतना ही सस्ता पड़ता है.
एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड है नए होम लोन :
रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, अब बैंकों के होम लोन मार्जिनल कॉस्ट लेडिंग रेट (MCLR) और रेपो लिंक्ड लेडिंग रेट (RLLR) से लिंक्ड होते हैं. 2019 में आरबीआई ने सभी बैंकों को कहा था कि वे नए होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करें, क्योंकि बैंक रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे थे. बता दें, कोरोना महामारी के दौरान रिजर्व बैंक ने डिमांड और ग्रोथ को बनाए रखने के लिए ब्याज दरों में 115 बेसिस प्वाइंट (मार्च 2020 में 0.75 फीसदी और मई 2020 में 0.40 फीसदी) की बड़ी कटौती की थी.
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने बैंकों को सभी प्रकार के रिटेल लोन और पर्सनल लोन को भी किसी एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए बैंकों को आरबीआई रेपो रेट, 3 या 6 महीने के सरकारी ट्रेजरी बिल के रेट या फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FBIL) की ओर से पब्लिश किसी भी अन्य बेंचमार्क मार्केट इंटरेस्ट रेट का ऑप्शन दिया गया था. पुराने लेंडर्स के पास लोन को बेंचमार्क लिंक्ड रेट में ट्रांसफर कराने या पुरानी व्यवस्था में बने रहने का ऑप्शन है.