PM SVANidhi Yojana : पीएम स्वनिधि योजना के तहत नाई की दुकान, जूता गांठने वाले या मोची, पान की दुकान चलाने वाले या पनवाड़ी, कपड़े धोने वाले यानी धोबी, सब्जियां बेचने वाले, फल बेचने वाले, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड चलाने वाले, चाय का ठेला या खोखा लगाने वाले, ब्रेड, पकौड़े और अंडे बेचने वाले, फेरीवाले जो कपड़े बेचते हैं, किताबें या स्टेशनरी की दुकान लगाने वाले और कारीगरी करने वाले लोग लोन ले सकते हैं.
PM SVANidhi Yojana : केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली लोन योजनाओं में लोगों को बड़े स्तर पर आर्थिक मदद दी गई है. इन योजनाओं में पीएम स्वनिधि (PM SVANidhi) या प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि स्कीम (Street Vendor’s Atmanirbhar Nidhi scheme) प्रमुख है. इस योजना के अंतर्गत 34 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को स्कीम का फायदा दिया जा रहा है. एक सरकारी अधिकारी के हवाले से छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम स्वनिधि योजना में अब तक 3,628 करोड़ रुपये के लोन जारी किए गए हैं. इस योजना में उन रेहड़ी-पटरी या खोमचे वाले लोगों को लाभ दिया जाता है जिनका रोजगार कोरोना (Corona Pandemic) के दौरान चला गया है.
सिविल सेवा दिवस के मौके पर वित्तीय सेवाओं के सचिव संजय मलहोत्रा ने पीएम स्वनिधि योजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत अब तक 31.19 लाख लाभार्थियों को 3,288 करोड़ रुपये का लोन जारी किया गया है. COVID-19 महामारी से प्रभावित स्ट्रीट वेंडरों को उनकी आजीविका चलाने के लिए और रोजगार फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए मई 2020 में आत्मानिभर भारत अभियान के तहत PM SVANidhi योजना की घोषणा की गई थी. 34 लाख लाभार्थियों के लिए लोन की राशि 3,628 करोड़ रुपये की है.
PM SVANidhi योजना के बारे में :
PM SVANidhi योजना के अंतर्गत कोई भी स्ट्रीट वेंडर अपना रोजगार खड़ा करने के लिए 10,000 रुपये की पूंजी ले सकता है. यह पूंजी होगी न कि लोन की राशि. वेंडर को सरकार की तरफ से पूंजी से अलग 20,000 रुपये का लोन दिया जाता है. पहली बार में 10,000 रुपये की पूंजी, दूसरी बार में 20,000 रुपये और तीसरी बार में 50,000 रुपये का लोन दिया जाता है. पहले वाला पैसा लौटाने पर लोन की दूसरी और तीसरी किस्त दी जाती है. लोन देने में किसी तीसरे पक्ष का रोल नहीं होता और बैंकों के जरिये लाभार्थी के खाते में पैसे जारी होते हैं. बैंकों के द्वारा सस्ती दर पर लोन दिया जाता है. ब्याज की दर 7 परसेंट होती है.
PM SVANidhi योजना की तरह सरकार ने ‘स्वनिधि से समृद्धि’ योजना को लॉन्च किया है. यह नई योजना देश के 14 राज्यों के 126 शहरों में चलाई जा रही है. यह योजना पीएम स्वनिधि के साथ ही लागू की गई है. स्वनिधि से समृद्धि योजना को पिछले साल 4 जनवरी को लॉन्च किया गया था. पहले चरण में देश के 125 शहरों में यह स्कीम लॉन्च हुई जिसमें 35 लाख स्ट्रीट वेंडर और उनके परिजनों को लोन के तौर पर आर्थिक मदद दी जा रही है.
कौन ले सकता है लोन :
पीएम स्वनिधि योजना के तहत नाई की दुकान, जूता गांठने वाले या मोची, पान की दुकान चलाने वाले या पनवाड़ी, कपड़े धोने वाले यानी धोबी, सब्जियां बेचने वाले, फल बेचने वाले, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड चलाने वाले, चाय का ठेला या खोखा लगाने वाले, ब्रेड, पकौड़े और अंडे बेचने वाले, फेरीवाले जो कपड़े बेचते हैं, किताबें या स्टेशनरी की दुकान लगाने वाले और कारीगरी करने वाले लोग लोन ले सकते हैं.
पीएम स्वनिधि योजना के फायदे :
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपये तक का कोलेटरल फ्री लोन दिया जाता है. जिसका इस्तेमाल स्ट्रीट वेंडर्स अपने पूंजी के तौर पर कर सकते हैं. इस तरह से इस योजना से भारत के 50 लाख वेंडर्स लाभान्वित होंगे जो लॉकडाउन के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए थे. योजना के तहत एक साल के लिए 10,000 रुपये का लोन दिया जाता है. इससे फिर से वेंडर्स को अपना व्यवसाय शुरु करने में मदद मिलेगी.
योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि :
- अगर कोई लाभुक नियमित तौर पर सही समय से लोन चुकाता है तो उसे प्रतिवर्ष सात प्रतिशत के हिसाब से ब्याज में सब्सिडी मिलती है.
- अगर कोई लाभुक लोन भुगतान के लिए डिजिटल लेनदेन करता है तो उसे साल में 1200 रुपये का कैशबैक दिया जाता है.
- साथ ही सही समय पर भुगतान करने पर लाभुक फिर से लोन के लिए आवेदन कर सकता है.
- इस योजना का सही तरीके से प्रबंधन करने के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) को योजना के कार्यान्वयन का भागीदार बनाया गया है.
पीएम स्वनिधि योजना के तहत विभिन्न बैंको की ब्याज दरें :
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ देने के लिए कुछ निजी बैंकों की ब्याज दरें अधिक हैं. इन बैंकों से लोन लेने पर वेंडर्स को अधिक ब्याज देना पड़ेगा.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया : देश का सबसे बड़ा लोन लेने वाला बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने पर 9.9 प्रतिशत ब्याज दर लिया जाता है.
पंजाब नेशनल बैंक : पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की ब्याज दर थोड़ा कम यानी 6.9 प्रतिशत है.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया : यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 7.3 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन प्रदान करता है.
यूको बैंक : यूको बैंक की तरफ से पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने पर 8.5 फीसदी ब्याज दर लिया जाता है.
इंडियन ओवरसीज बैंक : इंडियन ओवरसीज बैंक 8.1 प्रतिशत की ब्याज दर से लोन प्रदान करता है.
इंडियन बैंक : इंडियन बैंक 13.5 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन प्रदान करता है जो अधिक है.
बैंक ऑफ बड़ौदा : बैंक ऑफ बड़ौदा 12.7 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन प्रदान करता है.
बैंकों द्वारा लिये जा रहे ब्याज दर से पता चलता है कि कुछ बैंक पीएम स्वनिधि योजना के तहत लाभार्थियों से अधिक ब्याज दर लेते हैं. इसके अलावा कई ऐसे भी बैंक हैं जो योजना के तहत लोन लेने वालों का क्रेडिट स्कोर देखते हैं. ऐसे में परेशानी यह है कि कई ऐसे रेहड़ी वाले हैं जिनके पास बैंक अकाउंट भी नहीं है.
यह बैंक देखते हैं क्रेडिट स्कोर :
एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा 650 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर की मांग करते हैं. जबकि यूको और इंडियन ओवरसीज बैंक की तरफ से क्रेडिट स्कोर पर जोर नहीं दिया जाता है. वहीं केनरा और इंडियन बैंक क्रेडिट स्कोर नहीं देखते हैं पर वो यह जरूर जांच करते हैं कि आवेदक ने पहले से कोई लोन लिया है या नहीं.
इस तरह से कर सकते हैं आवेदन :
पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने के लिए इच्छुक स्ट्रीट वेंडर्स सीधे पीएम स्वनिधि योजनाक की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. योजना की वेबसाइट है https://pmsvanidhi.mohua.gov.in. इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स अपने नदजीकी सीएससी पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
कैसे करें अप्लाई :
- आपको पीएम स्वनिधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा
- होम पर आपको ‘प्लानिंग टू अप्लाई फोर लोन’ लिखा दिखेगा. इसमें तीन स्टेप होते हैं जिन्हें ध्यान से पढ़ लें, ‘व्यू मोर’ के बटन पर क्लिक करें
- आपके सामने एक नया पेज खुलेगा. इसमें व्यू या डाउनलोड फॉर्म पर क्लिक करें. इसके बाद पीएम स्वनिधि योजना के फॉर्म की पीडीएफ खुलेगी
- इस पीडीएफ को डाउनलोड कर लें. इसमें पूछी गई सभी जानकारी भर दें. फॉर्म में मांगे गए सभी दस्तावेज अटैच कर दें
- दस्तावेज सहित इस भरे गए फॉर्म को उस बैंक में या वित्तीय संस्थान में में जमा करें जहां से लोन ले सकते हैं
आपको कॉमर्शियल बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस, सेल्फ हेल्प ग्रुप से लोन मिल सकता है. इन्हीं में से किसी एक संस्थान में अपना फॉर्म जमा करना होगा.