Home Business Ideas : केंद्र सरकार जेनरिक दवाएं मुहैया कराने के लिए लोगों को जनऔषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendras) खोलने का अवसर दे रही है. जन औषधि केन्द्र खोलने की प्रक्रिया इतनी आसान है कि इसे घर बैठे ऑनलाइन भी कर सकते हैं. इसमें दवाओं की बिक्री होने पर 15 फीसदी तक का इंसेंटिव दिया जाता है.
Business Ideas in Hindi : अगर आप किसी बिजनेस की तलाश में हैं तो आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस के बारे में बता रहे हैं। जिसमें केंद्र सरकार आपको मोटी कमाई करने का मौका दे रही है। आप मेडिकल सेक्टर में अपना भविष्य संवार सकते हैं। वैसे भी कोरोना काल के दौर में मेडिकल सेक्टर की डिमांड में तेजी आई है। केंद्र सरकार ने जेनरिक दवाइयां मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केद्र (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi) खोलने का मौका दे रही है। इसके लिए सरकार सहायता भी कर रही है।
सरकार जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है। सरकार देश भर में मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। आम लोगों के लिए दवाइयों के खर्च का बोझ कम हो इसके लिए जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
क्या है प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना ?
मोदी सरकार की प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना एक ऐसी योजना है, जिसके तहत न केवल रोजगार मिलाता है, बल्कि मरीजों को मार्केट रेट से काफी सस्ती दवाएं भी मिल जाती हैं। अभी देश में करीब 6000 जन औषधि केन्द्र चल रहे हैं, लेकिन अभी भी हजारों जन औषधि केन्द्र खोलने की योजना है। जन औषधि केन्द्र खोलने में ज्यादा खर्च भी नहीं आता है, जो भी खर्च आता है वह सरकार धीरे धीरे आपको वापस कर देती है। इसके अलावा हर महीने आपको अच्छा कमीशन मिलता है।
कौन खोल सकते हैं जन औषधि केंद्र :
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है। पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, कोई डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोल सकता है। वहीं, दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, NGO, प्राइवेट अस्पताल, आदि आते हैं। तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसियों को मौका मिलता है। यानी कि अगर आप जनऔषधि केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए। अप्लाई करते समय डिग्री को प्रूफ के तौर पर सबमिट करना जरूरी है। PMJAY के तहत SC, ST एवं दिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए 50,000 रुपये तक की दवा एडवांस रकम दी जाती है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से दवा की दुकान खोली जाती है।
सरकार देती है 2.5 लाख रुपये तक की मदद :
सरकार जन औषधि केंद्र खोलने पर 2.5 लाख रुपये तक की मदद करती है। जन औषधि केंद्र से दवाओं की बिक्री से 20 फीसदी तक का मुनाफा मिलता है। इसके अलावा हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 प्रतिशत का इंसेंटिव मिलता है, हालांकि इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10,000 रुपये महीना तय है। यह इंसेंटिव तब तक मिलेगा, जब तक कि 2.5 लाख रुपये पूरे न हो जाएं। वहीं नक्सल प्रभावित और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपये प्रति माह तक है।
एक लाख रुपये की दवाइयां पहले आपको खरीदनी होगी :
सेंटर शुरू करने पर 1 लाख रुपये की दवाइयां पहले आपको खरीदनी होगी। बाद में सरकार इसे रीइंबर्समेंट करेगी। इसके अलावा दुकान शुरू करने में रैक, डेस्क आदि बनवाने, फ्रीज खरीदने में सरकार आपको 1 लाख रुपये तक की सहायता करेगी। सेंटर खोलने के लिए कंप्यूटर आदि के सेटअप पर 50 हजार रुपये तक के खर्च पर भी सरकार यह पैसा रिटर्न करेगी।
कैसे करें अप्लाई :
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सबसे पहले ‘रिटेल ड्रग सेल्स’ का लाइसेंस जनऔषधि केंद्र के नाम से लेना होता है। इसे खोलने के लिए आपके पास 120 वर्ग फुट की दुकान होनी चाहिए। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको एप्लीकेशन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजना होगा।
जानिए कितनी होगी कमाई :
जन औषधि केंद्र में दवाओं की बिक्री पर 20 फीसदी तक कमीशन मिलता है। इस कमीशन के अलावा हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 फीसदी तक का इंसेंटिव दिया जाता है। जो कि आपकी कमाई होगी। इस योजना के तहत दुकान खोलने के लिए फर्नीचर और अन्य सामानों के लिए सरकार की ओर से 1.5 लाख रुपये तक की मदद मिलती है। बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर खरीदने में भी सरकार 50,000 रुपये तक की मदद करती है।