Best Health Insurance Plan 2021 : अगर कोई इंश्योरेंस पॉलिसी आपको कैशलेस सुविधा नहीं दे रही हैं तो ऐसी पॉलिसी को नहीं खरीदें. मेडिकल इंश्योरेंस इमरजेंसी हालात के लिए ही लिए जाते हैं.
Best Health Insurance Plan 2021 : हेल्थ इंश्योरेंस वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है. ऐसे में अगर आप अपने या परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. बाजार में अलग-अलग मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसीज हैं जो स्टूडेंट्स, कपल्स, यंग फैमिली, सीनियर सिटीजन, हार्ट डिजीज के मरीज, पुरानी बीमारी वालों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं.
ऐसे में जब हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के बारे में सोचें तो सबसे पहले अपनी जरूरत की पहचान करें. यह दूसरे देश में ट्रीटमेंट से लेकर बच्चे का जन्म और पुरानी बीमारी, कुछ भी हो सकता है. यह पहचान कर लेने के बाद अपने लिए सही कवरेज का चयन करें. इंश्योरेंस सेक्टर के जानकारों की यह सलाह होती है कि मेडिकल इंश्योरेंस का कवरेज मंथली सैलरी का 6 गुना होना जरूरी है. अगर आपकी सैलरी 50 हजार है तो मेडिकल कवरेज कम से कम 3 लाख का होना जरूरी है.
कैशलेस पॉलिसी ही खरीदें :
दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कैशलेस सुविधा. अगर कोई इंश्योरेंस पॉलिसी आपको कैशलेस सुविधा नहीं दे रही हैं तो ऐसी पॉलिसी को नहीं खरीदें. मेडिकल इंश्योरेंस इमरजेंसी हालात के लिए ही लिए जाते हैं. कैशलेस सुविधा के तहत पॉलिसी होल्डर को हॉस्पिटल का बिल नहीं चुकाना होता है. वह इसके लिए सीधे इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क करता है.
बेस्ट हॉस्पिटल में मिले कैशलेस सुविधा का लाभ :
यहां एक विशेष बात का खयाल रखना है कि हर इंश्योरेंस पॉलिसी और इंश्योरेंस कंपनी के लिए कैशलेस हॉस्पिटल की लिस्ट होती है. ऐसे में आप जिस शहर में रहते हैं, उस शहर के बड़े अस्पताल कैशलेस हॉस्पिटल में जरूर शामिल हों. लिस्ट में कितने कैशलेस हॉस्पिटल हैं, उससे ज्यादा यह महत्वपूर्ण होता है कि बड़े और अच्छी सर्विस वाले हॉस्पिटल उस लिस्ट में हैं या नहीं.
रूम रेंट की कैपिंग पर विशेष ध्यान दें :
हर इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ रूम रेंट की कैपिंग होती है. ऐसे में इसके बारे में जरूरी जानकारी इकट्ठा करें और अपनी जरूरत के हिसाब से फिट बैठने पर ही पॉलिसी खरीदें. इसके अलावा हॉस्पिटल एक्सपेंस का कितना कवरेज मिल रहा है, डे-केयर ट्रीटमेंट की सुविधा कैसी मिल रही है, रूम रेंट, सब लिमिट जैसे विकल्पों पर गौर करने के बाद ही कोई पॉलिसी खरीदें.
NCB की मदद से सम अश्योर्ड बढ़ाएं :
इन तमाम बातों पर गौर इसलिए करना जरूर है, क्योंकि आप अपने लिए ज्यादा से ज्यादा सम अश्योर्ड और कम से कम प्रीमियम जमा करना चाहते हैं. सम अश्योर्ड बढ़ाने का एक तरीका है जिसे NCB (नो क्लेम बोनस) कहते हैं. अगर कोई पॉलिसी होल्डर किसी साल कोई क्लेम नहीं करता है तो इंश्योरेंस कंपनी उस पॉलिसी के लिए सम अश्योर्ड बढ़ा देती है, लेकिन प्रीमियम वही रहता है. सम अश्योर्ड की यह राशि 5-50 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है. अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी के अपने-अपने नियम हैं.