8th Pay Commission: देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन मिलता है. लेकिन, हो सकता है कि भविष्य में आठवां वेतन आयोग ना लागू माना यह जा रहा है कि सैलरी बढ़ाने के लिए लाया जाने वाला यह आखरी वेतन आयोग हो सकता है. केंद्र सरकार अब कर्मचारियों की सैलरी के लिए नए फॉर्मूला लागू कर वेतन आयोग की प्रथा बंद करने पर विचार कर रही है.
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 में इस नए फार्मूले के बारे में जानकारी दी थी उनके देहांत के बाद यह ठंडे बस्ते में चला गया था. लेकिन, अब moneycontrol.com की एक रिपोर्ट के अनुसार एक बार फिर केंद्र सरकार कर्मचारियों का वेतन बनाने के लिए वेतन आयोग की बजाय कुछ नया कर सकती है.
इस बात की संभावना है कि आठवां वेतन आयोग सरकार नहीं लाएगी. अब कर्मचारियों की सैलरी में उनकी परफॉर्मेंस (Performance linked increment) के हिसाब से बढ़ोतरी हो सकती है. सरकार अब नए फॉर्मूले के लाभ-हानि और लागू करने की प्रक्रिया पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग नहीं आएगा.
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आइडिया: 8th Pay Commission
वेतन आयोग की जगह कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर सैलरी में वृद्धि करने का व आइडिया भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) का है. जेटली ने जुलाई 2016 में इस ओर इशारा करते हुए कहा था कि हमें अब वेतन आयोग (Pay Commission) से हटकर भी कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए.
ऐसे हो सकता है वेतन का निर्धारण: 8th Pay Commission
सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनधारियों के लिए ऐसा फॉर्मूला बनाए जाए, जिसमें 50 फीसदी DA होने पर सैलरी में अपने आप ही बढ़ोतरी हो जाए. इस प्रक्रिया को ऑटोमैटिकली पे रिविजन का नाम दिया जा सकता है. हालांकि, वेतन आयोग को समाप्त करने और नया फॉर्मूला लागू करने के बारे में सरकार ने अंतिम निर्णय नहीं लिया है और अभी यह मसला विचार-विमर्श के चरण में ही है.
यह होगा फायदा: 8th Pay Commission
भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली चाहते थे कि मध्यम स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों के वेतन में भी अच्छी बढ़ोतरी होनी चाहिए. हालांकि, इसके लिए फॉर्मूला बनना अभी बाकी है. लेकिन, अगर नया फॉर्मूला लागू होता है तो लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 लेवल वाले केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी कम से कम 21 हजार हो सकती है.