Internet Ban in Bihar: शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह प्रतिबंध सोमवार तक लागू रहेगा। इंटरनेट सहित सोशल मीडिया बंद होने के बाद अब उम्मीदें की जा रही है कि अगर सब कुछ सही रहा तो आज मध्य रात्रि से इंटरनेट सेवा के साथ-साथ सोशल मीडिया बहाल की जा सकती है।
Internet Ban in Bihar: बिहार में 18 जून को बंद से पहले राज्य सरकार ने 15 जिलों में इंटरनेट पर लगाम लगाते हुए फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप समेत 22 साइट और एप्स पर अगले तीन दिन तक किसी तरह का मैसेज आना-जाना बैन कर दिया है। इस दौरान यू-ट्यूब पर वीडियो अपलोड को भी रोक दिया गया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने इंटरनेट के जरिए मैसेज के लेन-देन को रोकने का यह आदेश जारी किया है।
अब राज्य के 20 जिलों में अगले 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इसके तहत सोशल नेटवर्किंग साइट पर पाबंदी लगा दी गई है। पहले कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण में रोक लगाई गई थी। कुछ घंटों बाद में इसमें मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और दरभंगा जिले को भी शामिल कर दिया गया। गया और मधुबनी के बाद रविवार को इसमें जहानाबाद, खगड़िया और शेखपुरा जिलों को भी जोड़ दिया गया। वहीं जिन जिलों में पहले से इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगाई गई थी, उसे भी 24 घंटे के लिए रविवार को बढ़ा दिया गया।
एक अधिसूचना में, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), चैतन्य प्रसाद ने कहा, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत, राज्य सरकार ने सार्वजनिक सुरक्षा के हित में दूरसंचार सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। राज्य सरकार ने पाया कि इंटरनेट का इस्तेमाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक चीजों को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था, जिससे राज्य में हिंसा और जान-माल की क्षति हुई।
सोमवार से इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह प्रतिबंध सोमवार तक लागू रहेगा। इंटरनेट सेवाओं के बंद होने के बाद लोग फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, क्यूक्यू, वीचैट, क्यूजोन, ट्यूबलर, गूगल प्लस, बायदू, स्काइप, वाइबर, लाइन, स्नैपचैट, पिनटेरेस्ट, टेलीग्राम, यूट्यूब जैसे किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में विरोध प्रदर्शन के बीच उपद्रवियों ने विक्रमशिला ट्रेन को पूरी तरह बर्बाद कर कर दिया। उपद्रवी माचिस लेकर स्टेशन पर पहुंचे थे। स्टेशन के ही प्लेटफॉर्म संख्या दो के नजदीक की दुकान से कुछ छात्रों ने माचिस खरीदी और पहले एसी थर्ड टियर के शीट और उसमें रखे चादर-तकिया को आग के हवाले कर दिया। एसी बोगी होने के कारण आग तेजी से पकड़ गया और एक-एक कर विक्रमशिला की 23 बोगियां धधक उठी।