- पैसा होने पर भी गुल हो जा रही बिजली.
- उपभोक्ताओं को रोजाना खपत की जानकारी नहीं मिल रही.
- मीटर रिचार्ज करने के घंटों बाद बिजली बहाल हो रही.
Electricity Prepaid Meter: बिजली खपत से पहले स्मार्ट प्री-पेड मीटर के माध्यम से उपभोक्ताओं से पैसा लेने की प्रवृत्ति बिहार के लोगों को रास नहीं आ रही है। पटना सहित राज्य के किसी न किसी इलाके में आए दिन स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन हो रहा है। परम्परागत मीटर के स्थान पर लोगों के घरों में जैसे ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग रहे हैं कि बिजली खपत का गणित गड़बड़ा जा रहा है।
आम समस्या यह है कि उपभोक्ताओं को रोजाना खपत की जानकारी नहीं मिल रही है। लोग मोबाइल एप की जांच करते रहते हैं लेकिन वह नहीं मिल पाता है। दो-चार दिन पर अचानक से निगेटव राशि की जानकारी दे दी जाती है। कभी-कभार तो बिजली गुल होने के बाद पता करने पर बताया जाता है कि आपकी राशि निगेटिव हो गई है। कंपनी का दावा है कि रिचार्ज कराने के दो घंटे के भीतर स्वत: बिजली चालू हो जाती है। लेकिन आम तौर पर ऐसा नहीं हो रहा है। मीटर रिचार्ज कराने के घंटों बाद तक उपभोक्ता अंधेरे में रहने को विवश होते हैं। कंपनी कार्यालय को फोन करने के घंटों बाद ही बिजली बहाल हो रही है।
कमाई का जरिया बना: स्मार्ट मीटर बिजली कंपनी के लिए कमाई का जरिया बन गया है। पटना में ही बिजली कंपनी का उपभोक्ताओं पर 156 करोड़ बकाया था। अब यह मात्र 56 करोड़ रह गया है। कुछेक डिविजन में उपभोक्ताओं ने ही कंपनी को करोड़ों रुपए अधिक दे रखे हैं।
किसी दिन पांच तो किसी दिन 20 यूनिट खपत: Electricity Prepaid Meter
बिजली खपत में कोई संतुलन नहीं है। एक दिन में पांच यूनिट बिजली खपत करने वाला मीटर अगले दिन 20 यूनिट खपत करता है। एक दिन में 30 रुपए की खपत की जानकारी देने वाला मीटर अगले दिन 300 रुपए की खपत की सूचना देता है। यह दीगर है कि उपभोक्ताओं के घर में बिजली से चलने वाले उपकरणों में कोई अंतर नहीं होता। बहुत दबाव देने पर एक समानांतर मीटर लगा दिया जाता है लेकिन अधिक पैसा खर्च होने से लोगों को निजात नहीं मिल पाती है।
इंजीनियर भी अनभिज्ञ : लोग जब इंजीनियरों से स्मार्ट मीटर के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें फ्रांस की कंपनी द्वारा मीटर लगाए जाने की जानकारी देकर पल्ला झाड़ लिया जाता है।
स्मार्ट मीटर को और बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। बिहार में साढ़े नौ लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे हैं। स्मार्ट मीटर से 95 फीसदी उपभोक्ता संतुष्ट हैं। पांच फीसदी लोग किसी भी सेवा से नाराज हो सकते हैं।
– बिजेन्द्र प्रसाद यादव, मंत्री, ऊर्जा, योजना एवं विकास विभाग।
नए मीटर लगने के बाद लोगों को समय पर वेलकम मैसेज भी नहीं मिला करता है। रिचार्ज कराने के बाद लोग बिजली खपत करते रहते हैं। जब वेलकम मैसेज आता है तो अचानक से थोक भाव में पैसा समाप्त होने की जानकारी दे दी जाती है। कई बार तो तय तिथि के पहले ही बिजली गुल हो जा रही है। मीटर में पैसा होने के बावजूद नए कनेक्शन में बिजली गुल हो रही है। कंपनी कार्यालय में फोन करने पर नेटवर्क की समस्या का हवाला दिया जा रहा है।
INPUT - LIVEHINDUSTAN.COM