COs and Land Revenue Officers: जमीन से जुड़े मामले में गड़बड़ी करने के आरोपित सीओ, बंदोबस्त पदाधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी समेत अन्य स्तर के तकरीबन 150 कर्मियों पर कार्रवाई होगी। हाल में विभागीय मंत्री रामसूरत राय ने विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ मिलकर जब विभागीय कार्यों की समीक्षा की, तो पता चला कि विभाग को ये शिकायतें डीएम से लेकर अन्य स्तर के अधिकारियों की तरफ से आयी हैं, लेकिन इनपर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। इसमें कुछ शिकायतें तीन से पांच साल पुरानी हैं।
इसके बाद मंत्री ने कर्मियों के खिलाफ लंबित पड़े इतने अधिक मामलों पर तुरंत कार्रवाई करने का आदेश जारी किया और एक पखवाड़े में सभी लंबित मामलों का निपटारा करने को कहा। इनमें लगभग दो दर्जन मामले निगरानी के स्तर से ट्रैप के माध्यम से घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये सीओ समेत अन्य पदाधिकारियों से जुड़े मामले भी शामिल हैं।
इन पदाधिकारियों पर दाखिल-खारिज करने के लिए पैसे मांगने, गलत वाउचर बनाने, समय पर कार्य का निपटारा नहीं करने, स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने, किसी वरीय अधिकारी के निरीक्षण के दौरान मुख्यालय से गायब रहने, पीजीआरओ के दायित्व का सही तरीके से निर्वहन नहीं करना जैसी अन्य शिकायतें शामिल हैं। 2015, 2016 में बाढ़ के दौरान अंचल स्तरीय पदाधिकारियों को राहत कार्य वितरण के लिए नोडल अधिकारी बनाया जाता है। इसमें तैनात कुछ पदाधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने इस कार्य में कोताही बरती और खाद्य आपूर्ति का सही तरीके से बंटवारा नहीं किया। इसमें गोपालगंज, दरभंगा और मधुबनी के कुछ अंचलों में तैनात सीओ एवं बंदोबस्त पदाधिकारी के खिलाफ शिकायत विभाग को प्राप्त हुई थी, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
मंत्री के स्तर पर अंतिम निर्णय नहीं लिए जाने से अब तक लटकता रहा है मामला: COs and Land Revenue Officers
पदाधिकारियों पर कार्रवाई में देरी होने के दो कारण ये भी बताये जा रहे हैं कि तत्कालीन विभागीय मंत्री के स्तर पर कई आरोपों पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया। दो-तीन अपर मुख्य सचिवों के आते और जाते रहने के कारण भी किसी कार्रवाई पर अंतिम निर्णय लेने में समस्या हुई। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में पदाधिकारियों पर लंबे समय तक कार्रवाई नहीं होने को लेकर कई तरह की बातें भी कही जा रही हैं।