BPSC Prelims Paper Leak: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में गड़बड़ करने वालों पर जल्द कार्रवाई होगी। हमने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जल्द-से-जल्द इसकी जांच कीजिए। इस पूरे मामले में बहुत एक्शन हो रहा है। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद वे पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी कैसे प्रश्नपत्र लीक किया। इसे जिले को जो भेजा जाता है तो कहां से किस तरह से लीक हुआ है। इसकी पूरी जांच की जा रही है। कोई कैसे लीक किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को जैसे ही मुझे जानकारी मिली, हमने अफसरों से बात की। भविष्य में फिर ऐसी घटना नहीं हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
बिहार साइबर क्रिमिनल का हब बनता जा रहा है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां पर एक-एक चीज को लेकर सतर्कता है। यहां पर कोई गड़बड़ करना चाहेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। किसी भी चीज पर कार्रवाई तेजी से होती है। बिहार में बहुत हद तक शांति का माहौल रखा गया है।
पत्रकारों के अन्य प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग किसी जाति को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में मान्यता देने के लिए अपने यहां से प्रस्ताव भेजते हैं, जिस पर केंद्र सरकार के स्तर से निर्णय लिया जाता है। बिहार में जातीय जनगणना पर कहा कि यहां सभी दल के लोग आपस में बातचीत कर लेंगे। कुछ राज्य इसे अपने-अपने ढंग से कर रहा है, लेकिन बिहार में जब होगा तो पूरे तौर पर होगा। उसके लिए सब पार्टी की मीटिंग होगी तो आपस में चर्चा होगी। सरकार में इन सब चीजों को लेकर पहले से ही तैयारी है।
पेपर लीक में ईओयू ने दर्ज की एफआईआर: BPSC Prelims Paper Leak
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67 वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि ईओयू थाना में दर्ज एफआईआर में किसी को अभियुक्त नहीं बनाया गया है।
फिलहाल अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है। ईओयू के मुताबिक डीएसपी रैंक के अधिकारी को इस केस का आईओ बनाया गया है। इस बीच पेपर लीक मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में कई अन्य अफसर शामिल किए गए हैं। एसपी ईओयू सुशील कुमार के नेतृत्व में एसआईटी मामले की तह तक पहुंचने में लगी है।
कोरोना का दौर खत्म होने पर सीएए पर बात: BPSC Prelims Paper Leak
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बयान पर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन देशों के जो अल्पसंख्यक यहां पर हैं, इसके लिए कानून लागू करने की बात उन्होंने कही है। ये तो केंद्र सरकार को ही देखना है। कोरोना के चलते बंद हो गया।
और तो कोई वैसी बात उसमें नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें किसी के माता-पिता का जन्मदिन बताने के लिए बात है तो यह पुराने लोगों को कैसे मालूम होगा? पहले इसकी परंपरा नहीं थी। राज्य सरकार की ओर से बहुत पहले केंद्र सरकार को लिखकर भेज दिया है कि यह नहीं होना चाहिए। जो 2010 का प्रावधान था, उसी के हिसाब से चलाइएगा।