Bihar News: बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM में बड़ी टूट हो गई है. पार्टी के 5 में से 4 विधायक आरजेडी में शामिल हो रहे हैं. इसके साथ ही बिहार विधानसभा में राजद एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आ गया है. इन चार विधायकों के शामिल होने के साथ ही उसके सदस्यों की संख्या 79 हो जाएगी. दूसरे नंबर की पार्टी भाजपा होगी, जिसके 77 विधायक हैं.
Bihar News: महाराष्ट्र के बाद बिहार में बड़ा सियासी बवंडर मचा है. यहां AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को तगड़ा झटका लगा है. AIMIM के चार विधायकों ने RJD का दामन थामने का फैसला किया है. बिहार में AIMIM के पांच विधायक चुनाव जीते थे.
AIMIM के टिकट से अमौर सीट से अख्तरुल ईमान, बायसी से सैयद रुकनुद्दीन अहमद, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, कोचाधामन से मोहम्मद इजहार असफी, बहादुरगंज से मोहम्मद अंजार नईमी विधानसभा पहुंचे थे. इसमें चार RJD में शामिल होंगे. अमौर सीट से अख्तरुल ईमान अभी AIMIM के साथ हैं. चार विधायकों के AIMIM छोड़ने के बाद RJD बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. आरजेडी के 75 विधायक चुनकर आए थे और बीजेपी के 74 थे. इस चुनाव में वीआईपी के टिकट पर चार उम्मीदवार जीतकर विधायक निर्वाचित हुए थे, जिसमें एक का निधन हो गया था. ऐसे में तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. इससे बीजेपी का आंकड़ा 77 पहुंच गया था.
वहीं, आरजेडी के विधायकों के आंकड़े को देखे तो 2020 में 75 विधायक जीते थे और 2022 में हुए उपचुनाव में एक सीट आरजेडी के खाते में आई. इससे उसका आंकड़ा 76 पहुंच गया था. अब ओवैसी की पार्टी के चार विधायक आरजेडी में शामिल होने से उसके 80 विधायक हो गए हैं और वो सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.
Out of the five Bihar AIMIM MLAs, four have joined our party today. We welcome them. Now we are the largest party in the Bihar Legislative Assembly: RJD leader Tejashwi Yadav in Patna pic.twitter.com/ukULi5WfYX
— ANI (@ANI) June 29, 2022
सीमांचल में लहराया था परचम
AIMIM ने बिहार के सीमांचल क्षेत्र में अपना परचम लहराया था. सीमांचल इलाके में 24 सीटें हैं. इनमें से अधिकतर सीटें मुस्लिम बहुल है जिस पर महागठबंधन के जीतने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन लोगों ने एआईएमआईएम के हक में फैसला सुनाया था.
कहीं ना कहीं AIMIM के जीतने से महागठबंधन को नुकसान हुआ था. कई सीटें ऐसी भी थी जहां महागठबंधन और AIMIM के बीच वोटों का अंतर बहुत ही कम था. हालांकि अब इसकी भरपाई लगभग हो गई है.