एक और को-ऑपरेटिव बैंक को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के पुणे के द सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लि. (Seva Vikas Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई ने कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और न ही उसके पास आमदनी की संभावनाएं हैं, ऐसे में उसका लाइसेंस रद्द किया जा रहा है.
बैंक द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं उनके अनुसार उसके 99 फीसदी जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत अपनी पूरी जमा राशि पाने के पात्र हैं. डीआईसीजीसी ने 14 सितंबर तक कुल बीमित जमा का 152.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
कामकाज बंद करने को आदेश :
रिजर्व बैंक के 10 अक्टूबर 2022 के बयान के अनुसार, सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. आधिकारिक बयान में कहा गया कि सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने में सक्षम नहीं!
बयान के अनुसार, रिजर्व बैंक ने इस वजह से सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया, क्योंकि उसके पास पर्याप्त कैपिटल और कमाई के संभावनाएं नहीं हैं. RBI के अनुसार, सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक का कामकाज चलते रहना जमाकर्ताओं के लिए हित में नहीं है. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति के साथ फिलहाल अपने जमाकर्ताओं की पूंजी को लौटाने में सक्षम नहीं है.
ग्राहकों को पैसा कौन देगा?
सेवा विकास सहकारी बैंक में में जिन ग्राहकों के पैसे जमा हैं, उन्हें पांच लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर बीमा कवर का लाभ मिलेगा. इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की तरफ से ये बीमा मिल रही है. DICGC भी रिजर्व बैंक की एक सब्सिडियरी है. ये को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है.
अब अगर जिनका पांच लाख रुपये तक का फंड इस सहकारी बैंक में जमा है, उसे DICGC की तरफ से पूरा क्लेम मिलेगा. जिन ग्राहकों का पांच लाख रुपये से अधिक जमा है, उन्हें पूरी रकम नहीं मिल सकेगी. DICGC सिर्फ पांच लाख रुपये तक की रकम की भरपाई करेगा.
इस बैंक भी रद्द हुआ था लाइसेंस :
दिशा-निर्देशों को पालन नहीं करने की वजह से रिजर्व बैंक ने हाल ही में पुणे के रुपी सहकारी बैंक (Rupee Co-operative Bank Ltd) बैंक का भी लाइसेंस कैंसिल कर दिया था. रुपी सहकारी बैंक की सेवाएं 22 सितंबर से बंद हो गई थीं.